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शिलान्यास के 3 बरस बाद भी अधर में टाउन हॉल, फिर से एक बार उम्मीद जगी है भू धँसान की समस्या

रानीगंज। रानीगंज में काफी पुरानी मांगे टॉन हॉल की पूरी होने की उम्मीद जगने लगी है। फिर से टाउन हॉल का निर्माण कार्य होने की संभावनाएं बनी है। बाहरहाल स्थिति यह है कि शिलान्यास के 3वर्ष बाद भी यहाँ मात्र बाउंड्री वॉल के अलावे कुछ भी नहीं है। वर्ष 2019 अप्रैल में इसका शिलान्यास पश्चिम बंगाल के मंत्री अरूप विश्वास ने किए थे। लेकिन धन के अभाव में कार्य अधर में पड़ गई। आज स्थिति यह है कि सिलापट भी यहाँ नहीं है। टाउन हॉल का निर्माण तो अधर में लटका हुआ है । लेकिन इस इलाके के कोयला माफिया का दिन दूनी रात चौगुनी हो गई ।इसके इर्द-गिर्द चारों ओर अवैध खनन का खाने खुल गई। अवध गति सेे कोयले के खनन का धंधा चलने लगी।

वर्तमान स्थिति यह है कि इस इलाके में रहने वाले लोग भी इस बात से बेहद परेशान हैं कि अवैध खनन की वजह से अब आसपास की धरती फटने लगी है ।भू धँसान होने लगी है ।बारिश की वजह से स्थिति यह है कि धँसान परवल रूप में दिखाई दे रही है ।
सूत्रों के मुताबिक मंत्री अरूप विश्वश यहाँ टाउन हॉल बनाने के लिए शिलान्यास किए थे । बड़े ही सुसज्जित कार्यक्रम के माध्यम से शिलान्यास कार्यक्रम में अरूप विश्वास ने कहा था कि तय समय पर टाउन हॉल की पूरी की जाएगी। इसके लिए तत्कालीन मेयर एवं विधायक जितेंद्र तिवारी ने अथक प्रयास कर जमीन आवंटन किया था। इसके लिए शिक्षा विकास परिषद के तत्कालीन सचिव आर पी चौधरी ने 5 बीघा जमीन इस कार्य के लिए उपलब्ध कराया था। लेकिन समय के अनुसार धीरे-धीरे यहाँ बाउंड्री वाल का काम पूरा किया गया लेकिन जितेंद्र तिवारी के मुताबिक उन्होंने स्पष्ट रूप से पत्र लिखा था कि रानीगंज में बनने वाली टाउन हॉल के लिए राज्य सरकार की ओर से धनराशि प्राप्त नहीं हुआ। दूसरी ओर लोकसभा चुनाव में भारी बहुमत से बीजेपी की जीत यहाँ हुई थी। यह भी एक कारण रहा की यहाँ की योजना ठंडी बस्त में चली गई ।लेकिन इस इलाके में अवध गति से अवैध कोयले का खनन जारी रहा। इतना ही नहीं अवैध खनन में इस्तेमाल होने वाली विस्फोट से इस इलाके के लोग थर्रा उठते थे ।
लेकिन प्रशासन इस पर तत्काल कोई कार्यवाही नहीं कि थी। फल स्वरुप आज टाउन हॉल के दीवारों के आसपास भी भू धँसान के साथ-साथ दरारे दिखाई दे रही है। इस अंचल के रहने वाले हरकू किसान का कहना है कि बाबू स्थिति बहुत बुरी है हमारे खेत का पानी भी इस धँसान की वजह से सूख जाता है। मवेशी चराने वाले रवि यादव ने बताया कि यहाँ की दरारें देखकर लगता है कि थोड़े ही दिनों में रानीगंज का यह इलाका धश जाएगा ।

यह इलाका रानीगंज शहर के उत्तरी इलाका में है ।यह राम बागान एवं बरदही का काफी रिहायशी इलाका माना जाता है। लेकिन बारिश की वजह से बढ़ते दरार को लेकर लोग चिंतित हैं। यहाँ के बाशिंदे एवं व्यवसाई अनिल कुमार ने बताया कि लगता है कि यह दरार हम लोगों के के फ्लैट को दो भाग में बाँट देगी। वैसे भी यह शहर पानी के तह पर खड़ी है। पानी के तह का असंतुलन होते ही आए दिन इलाके में दरारें पर ने एवं भू धँसान की घटनाएं आम तौर पर होती रहती है।

लेकिन लोगों में एक उम्मीद जगी है कि आसनसोल कॉरपोरेशन में बैठक हुई थी ।जिसमें निर्णय लिया गया है कि इस इलाके में पूरी तरह से डोज रिंग की व भू धँसान इलाकों मैं भराई की जाएगी। टाउन हॉल का काम फिर से शुरू की जाएगी। इतना ही नहीं पास में ही बोरो कार्यालय बनाई जाएगी। इससे थोड़ी राहत अवश्य मिली है लेकिन समय बताएगा कि आखिरकार कब और किस पद्धति से भू धँसान वाली क्षेत्र को समतल की जाएगी। क्योंकि इस अंचल में निर्मित होने वाले अनेकों बहुमजिला फ्लैटों का काम शुरू है अनेकों लोग बुकिंग का रकम वापस लेने में आमादा है और जो लोग यहाँ रह रहे हैं वह भी आतंक में है।

Last updated: जून 22nd, 2021 by Raniganj correspondent