रानीगंज ब्लॉक ग्रामीण तृणमूल कांग्रेस की आपसी मतभेद बढ़ती जा रही है। इसकी एक झलक शनिवार को देखने मिली। जब बल्लवपुर पेपर मिल में स्थानीय आईएनटीटीयूसी कागज कल यूनियन के चेयरमैन सह आसनसोल साउथ ब्लॉक टीएमसी के अध्यक्ष बाबू राय के नेतृत्व में श्रमिकों को लेकर किए गए सभा की गई। सभा के पश्चात बललवपुर ग्राम पंचायत उप-प्रधान श्रीदाम मण्डल तथा एगरा ग्राम पंचायत के सदस्य अशोक हेला के नेतृत्व में बाबू राय तथा पेपर मिल यूनियन के अध्यक्ष सुशांत मंडल के विरुद्ध श्रमिकों नारेबाजी करते हुए कारखाना का गेट जाम कर दिया। श्रमिकों ने बाबू रॉय दूर हटो, बाबू रॉय गो बैंक का नारा लगाया ।
दोनों पक्षों की ओर से आरोप प्रत्यारोप लगाए जा रहे है। बाबू राय तथा अशोक हेला दोनों ने ही इस मामले को लेकर टीएमसी के उच्च स्तरीय नेता को जानकारी देने की बात कही। आसनसोल साउथ ग्रामीण ब्लॉक टीएमसी अध्यक्ष बाबू राय का कहना है कि बल्लवपुर पेपर मिल के श्रमिकों का बकाया राशि प्रदान करने, पूजा बोनस पाँच हजार रुपये दिए जाने तथा लगभग सभी श्रमिकों के वेतन में 1000 रुपये की बढ़ोत्तरी को लेकर प्रबंधन के साथ हुए समझोते की जानकारी देने के लिए कारखाना गेट के समक्ष एक सभा की गई। इस सभा में लगभग 300 श्रमिक उपस्थित थे। पर बड़ा ही दुख का विषय है कि सभा के पश्चात अंचल के टीएमसी के कूछ कार्यकर्ताओं द्वारा वहाँ से मुझे हटने के पश्चात मेरे विरोध में नारेबाजी की गई, जो सरासर गलत है।
दल के अनुशासन को ना मानते हुए इस तरह का एक गलत षड्यंत्र मेरे विरुद्ध किया जा रहा है।जिसके कारण टीएमसी संगठन को नुकसान हो रही है । दूसरी ओर उन्होंने बताया कि उनके द्वारा किए गए विरोध प्रदर्शन में सीटू तथा भाजपा के भी कुछ समर्थक नजर आए। दूसरा पक्ष अशोक हेला ने बताया कि श्रीदाम मंडल, मैं स्वंय, निरंजन गोराई, मनोरंजन बारिक आईएनटीटीयूसी कागज कल यूनियन के सदस्य होने के बावजूद बिना कोई सूचना का बाबू राय ने इस तरह का सभा किया। उन्होंने बताया कि बाबू राय ने श्रमिकों को भी बिना किसी सूचना का प्रबंधन के साथ बैठक कर बोनस तथा बकाया राशि को लेकर फैसला कर लिया जो सरासर अन्याय है, जबकि कमेटी खंडित होने के पश्चात बाबू राय कारखाना यूनियन के कोई किसी पद पर भी नहीं है।
इसके बावजूद भी उन्होंने किस प्रकार निर्णय ले लिया। वहीं उन्होंने बताया कि बाबू राय के फैसले से श्रमिकों ने नाराज होकर कारखाना गेट के समक्ष विरोध प्रदर्शन किया। समझा-बुझाकर श्रमिकों को हटाया गया। ज्ञात हो कि इसके पूर्व भी पंचायत गठन के समय बाबू राय तथा अशोक हेला एवं श्रीदाम मंडल के गुट को लेकर गुटबाजी चरम सीमा पर देखी गई थी एवं टीएमसी संगठन को ना मानते हुए भी श्री दाम मंडल बल्लवपुर ग्राम पंचायत के उप-प्रधान बन बैठे।