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गरीब मजदूरों के जान की कीमत पर कब तक फलता-फूलता रहेगा अवैध कोयला कारोबार…… ?

इसी अवैध खदान के सुरंग में फंसे हैं तीन लोग

आसनसोल : बीते एक महीने से कुल्टी थाना क्षेत्र वार्ड पार्षद की हत्या के लिए सुर्खियों में था तो अब अवैध कोयला खदान में तीन लोगों के फँसने से।

दो दिन की कड़ी मसक्कत के बाद भी नहीं मिली कोई सफलता , अवैध खदान में फंसे हैं तीन लोग

कुल्टी 73 नंबर वार्ड अंतर्गत अकबन बागान में एक अवैध सुरंग में रविवार को तीन लोग फंस गए और तब से ही उन्हें बाहर निकालने के लिए ईसीएल और पुलिस प्रशासन दोनों लगी हुई है और मंगलवार रात बारह बजे तक उनके निकालने की कोई खबर नहीं मिली ।

पुलिस सूत्रों के अनुसार खदान से जिस तरह से जहरीली गैस निकल रही है , उससे अब तक उनका बच पाना मुश्किल ही है फिर भी दुनिया ने कई ऐसे चमत्कार देखे हैं जब इस तरह से फंसे हुए लोग जिंदा बच गए ।

सुरंग का मुँह काफी संकरा होने के कारण बचाव दल के लोगों को भी अंदर जाने में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है । अंदर से जहरीली गैस का भी रिसाव हो रहा है। हालांकि खदान से गैस बाहर निकलने के लिए दो ब्लोअर फैन भी लगाये गये हैं लेकिन फिर दो दिन से चल रहे इस बचाव अभियान में काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है । मंगलवार को आपदा प्रबंधन की टीम ने भी आकर मोर्चा संभाल लिया है ।

रविवार को जहरीली गैस की चपेट में आकर अवैध कोयले की खदान में फंस गए थे ये तीनों

रविवार की दोपहर को संतोष मांझी, विनय मांझी, दुर्गा मांझी और उनके साथ एक और व्यक्ति अवैध खदान के अंदर गये थे । प्राप्त जानकारी के अनुसार खदान से निकाल रहे जहरीली गैस की चपेट में आकर दुर्गा मांझी सुरंग में गिर गया । सुरंग से भारी मात्रा में गैस का निकल रही थी । दुर्गा मांझी को निकालने गए विनय और संतोष भी गिर पड़े जबकि उसके साथ गया एक और युवक किसी तरह से बाहर निकल गया ।

दुर्घटना की खबर फैल गयी और बचावदल सहित काफी संख्या में पुलिस बल मौके पर पहुँच गए । संकरा मुँह और अंदर से गैस के रिसाव के कारण बचाव दल के कर्मी उस रात कुछ नहीं कर पाये । सोमवार की सुबह फिर कोशिश की गयी लेकिन बचाव कर्मी अंदर जाने की हिम्मत नहीं जुटा पाये । उसके बाद गैस निकालने के लिए ब्लोअर लागए गए और मंगलवार रात तक कोई सफलता नहीं मिली । अब इस कार्य में स्थानीय लोगों की मदद लेने की कोशिश हो रही है जिन्हें इस तरह की सुरंगों की जानकारी होती है अर्थात जो खुद भी अवैध कोयला उत्खनन करते हैं ।

पुलिस अधिकारी को जवाब देते नहीं बन रहा

अकबन बागान की यह घटना कुल्टी पुलिस के साथ-साथ पूरे कमिश्नरेट और सत्ताधारी नेताओं के लिए गले की हड्डी बन गया है । एक तरफ दो दिन से चल रहे बचाव कार्य ने लोगों में कौतूहल बना रखा है तो दूसरी ओर यह अवैध कोयला खदान का मामला एक फिर से चर्चा में आ गया है ।

हालांकि कुल्टी क्षेत्र के लोगों के लिए यह कोई नयी बात नहीं है । फिर भी घटना खुलकर सामने आ जाने से पुलिस और सत्ताधारी नेताओं को जवाब देते नहीं बन रहा है । पुलिस कमिश्नरेट के जवाबदेह वरिष्ठ अधिकारी को जब हमने फोन किया तो पहले तो हमारा सवाल सुन लिए और उसके बाद हैलो-हैलो करके फोन काट दिये । फिन दो बार मैंने फोन लगाया और उन्होंने फोन उठाया नहीं ।

अवैध कोयला खदानों का गढ़ है यह क्षेत्र

कोयले से लबालब भरे ईसीएल के सोदपुर एरिया अंतर्गत अकवन बागान का यह इलाका अवैध कोयला खदानों के लिए जाना जाता है । एक अनुमान के मुताबिक इस क्षेत्र में सौ से भी अधिक अवैध कोयला सुरंगें है और उसमें सैकड़ों की संख्या में इसी तरह मजदूर जान जोखिम में डाल कर नीचे उतरते हैं । जान पर खेल कर ये मजदूर श्रेणी के लोग जो काला कोयला निकालते हैं , उससे ही चमकता है कोयले के अवैध धंधे का कारोबार जिसमें कौन कौन शामिल होते हैं यह बताने की जरूरत नहीं पाठक बेहतर जानते हैं ।

आलडीह, टहराम, धेमोमेन, मिठानी, आलडीह, बैजडीह कोलियरी क्षेत्रों का पूरा इलाका कोयले से भरा हुआ है । जमीन से 20 से 25 फ़ीट नीचे ही कोयला मिल जाता है । इस क्षेत्र के सैकड़ों लोगों के लिए यही अवैध खदान आय का भी एकमात्र जरिया है । बात केवल आय की ही नहीं है । बात इनके शोषण की है।

गरीब मजदूरों के जान की कीमत पर चमकता है अवैध कोयला कारोबार

अवैध खदान में फँसते-मरते हैं ये मजदूर । गाहे-बगाहे झूठे दिखावे के लिए पुलिस को कोई कार्यवाही करनी होती है तो गाज इन्हीं गरीब-मजदूरों पर गिरती है । जबकि इन कोयले को बेचकर मोटा मुनाफा कमाने वाले कोयला माफिया और और इसकी हिस्सेदारी खाने वाले नेता-अधिकारी ऐशों-आराम का सुख भोग रहे होते हैं ।

चुनाव के दौरान बाबुल सुप्रियो ने उठाई थी आवाज , फिर भूल गए

लोकसभा चुनाव के दौरान सांसद बाबुल सुप्रियो ने ऐसे ही एक छोटे से अवैध कोयले के ढेर पर जाकर यहाँ की पुलिस को आईना दिखाने की कोशिश की थी , खूब सुर्खियाँ भी बटोरी थी । सांसद और मंत्री बन जाने के बाद शायद वे उस क्षेत्र में दोबारा जाना भूल गए हैं ।

मूल सरगना तक पहुँचने की कभी कोशिश ही नहीं हुई

इस अवैध खदान के फंसे हुये तीन लोग जिंदा निकले इसकी संभावना धीरे-धीरे धूमिल होती जा रही है । लेकिन सवाल उठता है कि क्या पुलिस कभी मूल सरगना तक पहुँच पाएगी । क्या पुलिस पर राजनीतिक दबाव बनेगा कि वह मुख्य आरोपी को पकड़े । पुलिस पर दबाव बनेगा कि वह उन माफियाओं को पकड़े जो इन गरीब मजदूरों के जीवन की कीमत पर अपना अवैध कारोबार चलाते हैं ।

पुलिस सूत्रों के अनुसार अभी तक किसी के भी खिलाफ कोई एफ़आईआर दर्ज नहीं कि गई है अभी पुलिस का सारा ध्यान बचाव कार्य पर है । लेकिन सवाल तो अब भी यही बना हुआ है कि “गरीबों मजदूरों के जीवन के कीमत पर कब तक फलता-फूलता रहेगा अवैध कोयला कारोबार…… ?”

Last updated: अक्टूबर 16th, 2019 by Pankaj Chandravancee