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चिरेका में सप्ताह भर में तीन पर गिरी सस्पेंशन की गाज, जीएम की इस कार्यवाही से गदगद हुए लोग

फाइल फोटो

पश्चिम बंगाल में रेलवे के निजीकरण के विरोध में चल रहे कर्मियों के घमासान के बीच चिरेका जीएम पीके मिश्रा ने एक सप्ताह के भीतर एक पदोन्नत अधिकारी समेत तीन कर्मियों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। इससे पूर्व भी कई अधिकारियों और कर्मियों का निलंबन और स्थानांतरण किया जा चुका है लेकिन इस बार का निलंबन काफी त्वरित और गंभीरता को लेकर चर्चा में है।

बताया जा रहा है कि हाल ही में चिरेका कस्तूरबा गाँधी अस्पताल में सीसीटीवी कैमरा इंस्टॉलेशन के दौरान जीएम ने खुद ही अस्पताल के ओपीडी में दवा वितरण के दौरान लोगों की लंबी कतार एक ही काउंटर पर ज्यादा देखी, मामले की जानकारी लेने के बाद फार्मासिस्ट इरशाद अहमद को निलम्बित किया गया।

कर्मियों के पोस्ट सरेंडर से संबंधित फाईल गुम होने की बात पर सहायक कार्मिक अधिकारी, प्रशासन, विष्णु प्रसाद नायक और कार्यालय अधीक्षक सुभाष दास को तत्काल प्रभाव से निलम्बित कर दिया है।

जीएम की इस का्र्रवाई की लोग दबे जुबान से सराहना कर रहे है। लोग इस कार्यवाही को भ्रष्टाचार पर नकेल कसने का एक कदम भी मान रहे है। चिरेका पीआरओ मंतार सिंह ने बताया कि अनुशासनहीनता के आरोप में इन्हें सस्पेंड किया गया है। इनमें विष्णु प्रसाद नायक अर्से से चर्चा में रहे है।

बताया जा रहा है कि वेलफेयर इंस्पेक्टर रहते नायक, रेलवे स्कूलों में बाहरी छात्रों के एडमिशन और अनुकंपा पर नियुक्ति आदि को लेकर हुई धांधली को लेकर चर्चा में रहे है। इसके अलावा वेलफेयर इंस्पेक्टर से चीफ वेलफेयर इंस्पेक्टर और उसके बाद अब एपीओ, हेडक्वार्टर, बने नायक को बेस्ट एमंग फेल्योर के तहत एपीओ बना दिया गया। निलंबन के बाद ये कर्मी अधिकारियों और नेताओं के चक्कर लगाते देखे जा रहे है।

Last updated: जुलाई 7th, 2019 by kajal Mitra