दुर्गापुर । राजस्थान बीकानेर के एक शख्स ने कार सेवकों का नेतृत्व करते हुए एक संकल्प लिया था कि जब तक आयोध्या में भव्य राम मंदिर नहीं बन जाता है । तब तक वे जूता चप्पल नहीं पहनेगा।इस शख्स का नाम शिवप्रसाद है । शिव प्रसाद ने 14 वर्षों तक राम मंदिर निर्माण का आस लगाए हुए थे। वर्ष 2004 में उनकी मृत्यु हो गई।
शिव प्रसाद के मौत के बाद उनका पुत्र महावीर प्रसाद राजस्थान से जीविकोपार्जन के लिए दुर्गापुर के बेनाचिटी आ गए। बेनाचिटी में आयुर्वैदिक की दुकान है । महावीर प्रसाद पिता की प्रतिज्ञा का पालन करते हुए पिछले करीब 16 वर्षों से नंगे पाँव घूम रहे हैं। बेनचीती के मंदिरों में जाकर सिर्फ इसी सपने को संजोए हुए हैं कि कब अयोध्या में श्रीराम का भव्य मंदिर बनेगा और वे जूते चप्पल पहनेगें। आज अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए भूमि पूजन होने से फूले नहीं समाए। महावीर प्रसाद ने बताया कि मेरे पिता शिव प्रसाद 14 वर्ष पहले यानि 1990 में राजस्थान के बीकानेर से कार सेवकों का नेतृत्व कर अयोध्या दर्शन करने पहुँचे थे । उस दिन देश में हिंसा का वातावरण तैयार हो गया था। पुलिस की गोली से कई कारसेवकों की मौत हो गई थी।
उन्होंने कहा कि प्रभु श्रीराम मंदिर निर्माण के लिए भूमि पूजन उनके लिए ऐसा सपने की तरह है। इसके पूरे होने की उम्मीद उन्हें जीवन में नहीं थी । वे हमेशा सोचते थे कि मंदिर बनते देख पाएंगे या नहीं आज पिता का सपना के साथ-साथ हमारा भी सपना साकार हुआ।
संवाददाता रमेश कुमार गुप्ता ,बुदबुद