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सोनपुर बाजारी परियोजना से चोरी हुआ 20 टन कोयला जब्त , हमेशा की तरह चोर नहीं पकड़े गए

चोरी का कोयला

ईसीएल के पाण्डेश्वर एरिया अंतर्गत सोनपुर बाजारी परियोजना से चोरी हुआ कोयला एक बार फिर प्रबंधन की सक्रियता से जब्त हुआ जबकि इस बार भी चोरी के कोयले की जब्ती में स्थानीय पुलिस या सीआईएसएफ़ की कोई भूमिका नहीं थी ।

सोनपुर बाजारी परियोजना पुनर्वासन स्थल न्यू धाउका से विभागीय सुरक्षा कर्मियों ने शुक्रवार को लगभग 20 टन अवैध कोयला को जब्त किया जिसे कागजी कार्यवाही के बाद डिपो में गिरा दिया गया ।

क्षेत्र के एजीएम एके सिंह को सूचना मिली थी कि खदान से कोयला चोरी करके एक जगह इकट्ठा किया गया है और उसको दूसरे जगह भेजने की तैयारी की जा रही है ।

सीआईएसएफ़ बाद में सूचना मिलने पर पहुँची

क्षेत्रीय सुरक्षा अधिकारी एसके मिश्रा को सूचना देने के बाद एजीएम जब घटना स्थल पर पहुँचे तो इतना कोयला देखकर अवाक हो गये । एजीएम ने कोयला को उठाने के लिये वाहन और मज़दूरों को लाने के लिये सुरक्षा विभाग को कहा तब तक सीआईएसएफ के जवान भी घटनास्थल पर पहुँचे और मज़दूरों से कोयला को गाड़ी में लाद कर कागजी कार्यवाही के बाद डिपो में गिराया गया ।

जिनकी सुरक्षा की ज़िम्मेदारी है उन्हें क्यों पता नहीं चलता है …?

मालूम हो इलाके में बढ़ती कोयला चोरी की घटना से एक तरफ जहाँ प्रबंधन परेशान है तो दूसरी ओर कोयले की सुरक्षा में लगे सीआईएसएफ़ या स्थानीय पुलिस इस मामले में कुछ भी करती हुई दिखाई नहीं पड़ रही है । इसी क्षेत्र से हाल के दिनों में कई बार प्रबंधन ने कोयला जब्त करवाया है ।

आज तक एक भी मुख्य आरोपी को पकड़ा नहीं गया है

कोयला चोरी रोकने के लिए सरकार ने डिपो पर सीआईएसएफ़ तैनात कर रखे हैं और राज्य पुलिस भी ज़िम्मेदारी है कि वो कोयला चोरी रोके क्योंकि इससे राज्य सरकार को रॉयल्टी मिलती है । लेकिन कोयले चोरी की लगातार हो रही घटनाओं के बाद भी इस क्षेत्र से किसी भी मुख्य सरगना को पकड़ा नहीं गया है ।

कोयला चोरी करने वाले को मजदूरी से ज्यादा कुछ नहीं मिलता है

इस क्षेत्र में कोयला चोरी एक संगठित अपराध बन गया है जिसमें काफी संख्या में स्थानीय लोग शामिल है । कोयला चोरी का काम मुख्य रूप से कुछ स्थानीय लोग ही करते हैं । ज़्यादातर मामले में वे मात्र दिहाड़ी मजदूर होते हैं और मामूली मजदूरी के अलावे उन्हें कुछ नहीं मिलता है। जबकि यही चोरी का कोयला एक जगह इकट्ठा करके बेचकर इनके मुख्य सरगना लाखों करोड़ों कमाते हैं ।

ईसीएल के सीएमडी पीएस मिश्रा द्वारा प्रशासन के उच्च अधिकारियों समेत अपने आला अधिकारियों को कोयला चोरी रोकने की दिशा में कदम उठाने के लिये गुहार लगाते रहे हैं पर इसका कोई विशेष असर देखने को नहीं मिल रहा है ।

Last updated: सितम्बर 20th, 2019 by Pandaweshwar Correspondent