लोयाबाद(धनबाद ) । कोरोना महामारी से निपटने में झारखंड सरकार की दावे खोखली साबित हो रही है। बाँसजोड़ा में मुंबई से लौट कर आये तीन युवकों को गाँव से दूर जंगल में खंडहर भवन में क्वारंटीन को विवश होना पड़ रहा है। बावजूद परिवार वालों के साथ भेद भाव बरती जा रही है। गाँव में दहशत का माहौल है। भय में लोगों ने तीनों युवक के परिवार वालों का राशन पानी भी बन्द कर दिया गया है।
पुलिस ने पहुँचकर लोगों को समझाया
मंगलवार को केंदुआ पुलिस ने पहुँचकर गाँव वालों को समझाने का प्रयास किया तब जाकर स्थिति कुछ सामान्य हुई है। तीनों युवकों की माँ ने पुलिस को रोते हुए बताया कि गाँव के लोग अछूत जैसा व्यवहार कर रहे । राशन व पानी लेने पर तंज कसा जा रहा है। छोटे-छोटे बच्चों के साथ भी दुर्व्यवहार हो रहा है। जबकि बेटा घर में प्रवेश तक नहीं किया है।
इस समय जंगल में रात गुजार रहा है। तीनों युवक का स्वाब का सैंपल रविवार को जिले के सदर अस्पताल में लिया गया है। तीनों को वहाँ के चिकित्सकों द्वारा होम क्वारंटीन का आदेश दिया गया है। चार दिनों में रिपोर्ट आ जाने की उम्मीद है।
डर के साये में गुजरती है रातें
क्वारंटीन हुए तीनों युवक राजकुमार राय, अविनाश राय, बबन बर्णवाल ने बताया कि जंगल में इस टूटी हुई भवन में रात गुजर रही है। रात भर डर लगा रहता है। सांप बिच्छू या फिर जंगली जानवरों का डर सताते रहता है। गाँव वालों की हरकत से मानसिक परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
बताया जाता है कि क्वारंटीन हुए तीन युवक गाँव से दूर जंगल में बीसीसीएल का पुराना बिजलीघर में इस समय मौजूद हैं । उन्होंने राज्य सरकार से मदद की गुहार लगाई है। तीनों चाहते हैं कि गाँव में जो स्कूल है वहाँ शिफ्ट करने की व्यवस्था कर दी जाए। परिवार वाले दूर से खाना रखकर चले जा रहे हैं । डिस्पोजल प्लेट में खाना खाकर प्लेट को जला दी रही है।
वार्ड पार्षद महाबीर पासी ने बताया कि तीनों युवकों को मध्य विद्यालय में ही रखवाये थे। गाँव वालों के कड़े विरोध के कारण तीनों युवकों को खंडहर नुमा भवन में रहना पड़ा है । तीनों युवकों को धनबाद के किसी क्वारंटीन सेंटर में रखने का प्रयास किया जा रहा है।