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पारंपारिक रीति-रिवाज के साथ तीन दिवसीय जितिया पर्व का हुआ समापन

मधुपुर 11 सितंबर। अनुमंडल के करो प्रखंड क्षेत्र के विभिन्न गाँव में शुक्रवार को पुत्र की लंबी आयु हेतु तीन दिवसीय जिउतिया पर्व उत्सव परंपरिक रीति रिवाज नेक विधि पषठीवृत कथा श्रवण और पारण आदि अनुष्ठानों के माध्यम से आस्था श्रद्धा और भक्ति भाव के साथ समापन हो गया।

करो प्रखंड के रानीडिह, सिरसा, विरेगढ़िया, सालतर, बदिया और डिंडा कोली पंचायतों के पुत्रवती माताओं ने अपने अपने पुत्र के लिए लंबी आयु और कुशल क्षेम के लिए जिउतिया पर्व अटूट श्रद्धा के साथ मनाया करो ग्राम के दुर्गा मंदिर, बाबा कालेश्वर मंदिर, विष्णु मंदिर आचार्य टोला और बाउरी टोला में व्रतीगण उपस्थित हो कर तुलसी मंडप के समक्ष पुरोहित देबू पुजारी विमल मिश्र, सुकुमार मिश्र, उत्तम मुखर्जी और हराधन पुजारी के मंत्रों के साथ पूजा अर्चना की ।

इस अवसर पर पंडितों ने षृष्ठी वृत कथा के महत्त्व और व्यवहारिक बातों को व्रतियों ने ध्यान से सुना उल्लेखनीय है कि इस पर्व में बंगाली समुदाय के वृती महिलायेंं तालाब में डुबकी लगाकर खीरा को ढाई बार दांत से काटती है। जिसे बंगला में आंदाय कामड़ कहते हैं। इस प्रकार पानी के अंदर दांत से ढाई बार काटने से पुत्र को कोई बीमारी नहीं होता वे सदा निरोग रहते हैं। मालूम हो कि जिउतिया पर्व 3 दिनों का होता है अष्टमी नहाए खाए अष्टमी को उपवास और नवमी को पारन कर निस्तार होता है।

Last updated: सितम्बर 11th, 2020 by Ram Jha