लापरवाही के कारण मरीज की गई जान, अस्पताल प्रबंधन ने मैनेजर को किया निलंबित
रानीगंज। रानीगंज के प्रतिष्ठित हृदय रोग के प्रसिद्ध आनंदलोक अस्पताल के बंद होने से यहाँ के लोगों में बेहद नाराजगी है। अस्पताल प्रबंधन ने अस्पताल के मैनेजर को निलंबित कर दिया।
आपातकालीन चिकित्सा को छोड़कर तमाम तरह की चिकित्सा करने से चिकित्सक के साथ-साथ कर्मी गन भी काम बंद कर दिया है । अस्पताल के बाहर मुख्य द्वार पर 9 ऐडमिशन की बोर्ड लगा दी गई है । उनकी मांग है कि जब तक सुरक्षा की पुख्ता व्यवस्था नहीं होगी, प्रशासन सहयोग नहीं करेंगे तब तक हम लोग काम पर नहीं लौटेंगे ।
बृहस्पतिवार को बल्लभ पुर के एक होमियोपैथी चिकित्सक देवाशीष घोष की मौत चिकित्सक कौशिक सूर के चिकित्सा के दरमियान हो गई थी। परिजनों का आरोप था कि चिकित्सक की लापरवाही की वजह से उनकी मौत हुई है और 50 लाख रुपए का मुआवजा की मांग करने लगे। अस्पताल प्रबंधन की ओर से मैनेजर विश्वजीत माईती ने कहा कि कानून के तहत जो भी कार्यवाही होगी की जा सकती है लेकिन इस प्रकार से मुआवजा की मांग को पूरी नहीं कि जा सकती। इस पर परिजनों ने अस्पताल के कर्मी स मैनेजर का पिटाई कर दी। पुलिस के हस्तक्षेप से परिजनों ने सब को अंतिम संस्कार के लिए ले गए ,लेकिन मैनेजर से त्यागपत्र की मांग की। हालांकि मैनेजर के त्यागपत्र को लेकर अन्य कर्मी सभी नाराज हैं।
गौरतलब है कि आगामी 7 तारीख रविवार को अस्पताल में नवनिर्मित 40 बैड का आई क्यों यूनिट का उद्घाटन मंत्री मलय घटक करेंगे। रानीगंज चैंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष एवं कार्यक्रम के विशेष अतिथि संदीप भालोटिया ने बताया कि घटनाक्रम की बेहद दुःख है लेकिन अस्पताल बंद नहीं होनी चाहिए क्योंकि यह अस्पताल इस क्षेत्र के लिए वरदान साबित हुआ है दूर दराज से ही नहीं इस अंचल के लिए वरदान है। रानीगंज पुलिस इस घटना को बड़े ही गंभीरता से लिया है । अस्पताल के कर्मियों के साथ बातचीत की जा रही है लेकिन अस्पताल के मैनेजर के चले जाने से स्थिति पचीला हो गई है।
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