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पारा शिक्षकों का पारा गरम, सरकार की नई नियमावली को बताया भद्दा मजाक

झारखंड के पारा शिक्षक (सहायक अध्यापक) प्राथमिक शिक्षकों की नियुक्ति के लिए पिछले दिनों गठित नई नियमावली को पारा शिक्षकों के साथ किया गया भद्दा मजाक बता रहे है। उनका कहना है कि 20 वर्षों से कार्य कर रहे पारा शिक्षकों के हितों के विरुद्ध यह नियमावली बनाई गई है, क्योंकि सहायक आचार्य के पद पर नियुक्त होने वाले पारा शिक्षक दस साल बाद सहायक शिक्षक बन पाएंगे। टेट सफल सहायक अध्यापक संघ के अध्यक्ष प्रमोद कुमार ने कहा कि यदि इस नियमावली को जबरदस्ती थोपा गया तो पारा शिक्षक जोरदार आंदोलन करने के लिए बाध्य होंगे। पारा शिक्षक दूसरे राज्यों के अभ्यर्थियों की भी नियुक्ति में छूट को लेकर भी गठित नियमावली के प्रावधानों पर सवाल उठा रहे हैं। साथ ही वेतनमान कम किए जाने को अनुचित ठहरा रहे हैं। पारा शिक्षकों ने यह भी सवाल उठाया है कि अन्य बहाली जैसे हाई स्कूल, प्लस टू स्कूल शिक्षक नियुक्ति में पुराना वेतनमान ही बहाल रखा गया है तो प्राथमिक शिक्षकों का वेतनमान क्यों घटाया गया बता दें कि सहायक आचार्य नियुक्ति में समग्र शिक्षा अभियान के तमाम अनुबंध कर्मियों को 50 प्रतिशत आरक्षण देने के प्राविधान का भी पारा शिक्षक विरोध कर रहे हैं। उनकी मांग है कि पूर्व की तरह आरक्षण का लाभ सिर्फ पारा शिक्षकों को मिले। सहायक आचार्य के पद पर होने वाले नियुक्ति के लिए टेट परीक्षा के बाद झारखंड एकेडमिक काउंसिल से एक और परीक्षा लेने का भी विरोध हो रहा है।

Last updated: जून 15th, 2022 by Aksar Ansari