लोयाबाद। हज़रत मोहम्मद (स) की योमे पैदाइश को लेकर शुक्रवार दिनभर मुस्लिम बहुल क्षेत्रों में हुजूर की आमद मरहबा, नबी की आमद मरहबा की सदा गुंजती रही।
नबी (स) की आने की खुशी में लोग सुबह सादिक़ वक्त मस्जिद में इकठ्ठे हो गए,जैसे ही वक्त करीब आया लोग हुजूर की ताज़ीम में खड़े होगये और सलातो सलाम पेश करने लगे।बाद सलाम मिलाद व नियाज फिर दुआएं मांगी गई।
सरकारी गाइडलाइन की वजह से पहले की तरह जुलूस नहीं निकाला गया। दिन में विभिन्न जगहों पर लोयाबाद जामा मस्जिद सात नंबर लोयाबाद कोक प्लांट पावर हाउस निचितपूर सहित अन्य मुस्लिम इलाकों में नियाज के बाद लंगर का वितरण किया गया। लोयाबाद सात नंबर व लोयाबाद पावर हाउस मस्जिद में मौलाना कलाम खान रिजवी व मौलाना अब्दुल खालीक कादरी साहब ने मोहम्मद साहब के जीवनी पर प्रकाश डालते हुए कहा कि उन्होंने समतामूलक समाज की बुनियाद डाली ।
महिलाओं को बराबरी का दर्जा देने का काम किये । समाज के तमाम लोगों को समता व बराबरी का हक दिया । प्रसिद्ध उर्दू शायर अल्लामा इकबाल ने लिखा भी है कि “एक ही सफ में खड़े हैं महमूद व आयाज। न कोई बंदा रहा और न ही कोई बंदानवाज। नबी (स) का किरदार ऐसे थे कि जिसे देख कर ही लोग इस्लाम धर्म कबूल कर लेते थे। उन्होंने अपने जीवन में कभी किसी को तकलीफ नहीं पहुँचाई। ईमानदारी ऐसी थी कि लोग अपने अपने सामानों को अमानत के रूप में उनके पास रखा करते थे। आज के मुसलमान अपने नबी (स) बताये हुए रास्ते से भटक चुके हैं जिस कारण ही परेशान हैं। मुस्लिम कमिटी के महामंत्री मो० असलम मंसूरी ने सरकारी गाइडलाइन का पालन करने का सभी ल से आग्रह किया।