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चौपारण अंचल में अंचल अधिकारी सहित राजस्व कर्मियों का घोर अभाव है, सरकार उदासीन है -सांसद प्रतिनिधि चौपारण

हजारीबाग जिला का सबसे बड़ा अंचल, जो झारखंड के सीमा पर अवस्थित है। चौपारण अंचल में अंचलअधिकारी, अंचल निरीक्षक सहित अंचलकर्मी और राजस्व कर्मचारियों का घोर अभाव है। समस्त सरकारी कार्य प्रभार में चल रहा है, उक्त बाते आज सांसद प्रतिनिधि मुकुंद साव ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा, उन्होंने कहा कि अंचलाधिकारी का पद चौपारण प्रखंड विकास पदाधिकारी प्रेमचंद सिन्हा के प्रभार में है। 26 पंचायतों और 9 हल्का में मात्र 4 राजस्व कर्मचारी है, इससे अंचल का कार्य काफी शिथिल हो गया है, मुकुंद साव ने बताया कि खबर है कि विभाग के ऑन लाइन म्यूटेशन, लगान रसीद सहित सारे काम काफी धीमी गति से संचालित हो रहे है। वर्तमान में दाखिल खारिज का कई मामले लंबित पड़े हुए है, जमीन का ऑनलाइन काम नहीं हो रहा है, पूरे अंचल का डाटा पूर्ण रूप से फीड नही किया गया जिससे लगान रसीद में लोगों को दिक्कते आ रही है, इसके अलावा जन संवाद, आर टी आई के कई मामले सामने आते रहते है, जो पूरी तरह से ठप्प पड़ा हुआ है, अभी चार राजस्व कर्मी चौपारण अंचल में कार्यरत है,एक तो कुल नए है। साथ ही इतने लापरवाह हैं कि न कार्यालय समय पर आते है, न जनता का काम गंभीरता से करते है, मोबाइल फोन का स्विच ऑफ रखना उनका कर्तव्य सा हो गया है, पूछे जाने पर नियंत्री पदाधिकारी बोलते है कि हम भी परेशान है, क्या कर सकते है,अंचल का अमीन रिश्वत लेते दिन दहाड़े पकड़ा गया, वीडियो वायरल हुआ, सोसल और प्रिंट दोनो मीडिया में आया लेकिन कार्रवाई नहीं हुई, आखिर कौन सा तत्व पीछे से सहयोग कर रहा है, किसके सह से इस प्रकार का घिनौना कार्य का मदद मिल रहा है। इसके लिए कौन जिम्मेवार है? जनता जानना चाहती है। सरकार आपके द्वार कार्यक्रम में स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने बड़ी बड़ी डिंग हाके, कहा कि मैं ये करा रहा हूं। वो करा रहा हूं, विकास का गंगा बहा रहा हुं, परंतु उन प्रतिनिधियों से जनता पूछना चाहती है कि अंचल का हालात आपको नहीं दिखता है, दिखेगा भी कैसे, जन्मभूमि रहती तो चिंता होती, ये तो कर्मभूमि है, डेढ़ साल से अंचलाधिकारी का पद प्रभार में है, 5 साल से अंचल निरीक्षक का पद प्रभार में है, कई अंचल कर्मी का पद वर्षो से रिक्त है, 9 हल्का में चार राजस्व कर्मी काम कर रहे है,कही न कही इसके लिए सता और सता पक्ष के प्रतिनिधि जिम्मेवार है। मुकुंद साव ने बताया कि 1975 से कुल 29 अंचलाधिकारी चौपारण अंचल में सेवा दिए है। जिसमे कुल 17 अंचलाधिकारी प्रभारी के रूप में सेवा दिए है। 1975 में विश्वनाथ सिंह अंचलाधिकारी रहे फिर धरणीधर झा हुए। उनके बाद राम खेलावन रविदास प्रभारी सीओ रहे,उनके बाद बुलाकी चौधरी, दीपक कुमार सिन्हा,राजेंद्र कुमार अंचलाधिकारी रहे, फिर निरंतर नारायण सिंह प्रभारी अंचलाधिकारी बने, जो बाद में उपविकास आयुक्त हजारीबाग बने, जय प्रकाश नारायण भी प्रभारी सीओ रहे, तत्पश्चात अमित कुमार शतीश चंद्रा, सरिता दास, नागेंद्र कुमार अंचलाधिकारी रहे, फिर एक बार प्रदीप कुमार प्रसाद प्रभारी अंचलाधिकारी का पदभार संभाले, फिर अरविंद बल्लभ चौबे अचलाधिकारी आए लेकिन डेढ़ साल में चले गए फिर प्रदीप कुमार प्रसाद प्रभार में आए। उसके बाद परमेश्वर मुंडा सीओ बनकर आए इनके बाद अजय कुमार साव, पूनम कुजूर सीओ के प्रभार में रहे, उनके बाद ललन कुमार,सुधीर कुमार सीओ रहे, फिर धीरज प्रकाश प्रभार में रहे इनके बाद साधु चरण देवगम अंचलाधिकारी रहे, इनके बाद सागर कुमार, वेदवंती कुमारी, अमित कुमार श्रीवास्तव, जफर हसनात, फिर अमित कुमार श्रीवास्तव सभी प्रभार में रहे इनके बाद नितिन शिवम गुप्ता 2018 से 2021 तक बेहतर सेवा अंचलाधिकारी के रूप में दिए, उनके बाद गौरी शंकर प्रसाद बतौर सीओ सेवा निवृत चौपारण से ही हो गए तब से जो अंचल प्रभार में है वो आज तक प्रभार में चल रहा है,अब देखना यह है कि कौन प्रतिनिधि यहां आता है जो चौपारण अंचल का उद्धार करेगा।

Last updated: नवम्बर 20th, 2022 by Aksar Ansari