Site icon Monday Morning News Network

लॉकडाउन है या मज़ाक …….धनबाद से भाग कर युवती जमुई गयी और फिर वापस धनबाद आ गई

लोयाबाद थाना में शिकायत दर्ज कराते हुये युवती के परिजन

एक तरफ जहाँ देश में लोग लोक डाउन का पालन करते हुये अपने-अपने घरों में हैं तो दूसरी ओर एक प्रेमी जोड़ा इस लॉकडाउन का मखौल उड़ाते हुये भागा-भागी खेल रहे हैं और मूकदर्शक बनी हुई है वहाँ की पुलिस ।

झारखंड के धनबाद जिला के लोयाबाद थाना क्षेत्र के दो प्रेमी युगल पहले तो लॉकडाउन को ठेंगा दिखाते हुये झारखंड से बिहार के जमुई चले जाते हैं और फिर पुलिसिया दबाव होने पर दोबारा लॉकडाउन को ठेंगा दिखाते हुये वापस जमुई से धनबाद आ जाते हैं । इस दौरान वे कहाँ-कहाँ गए किससे मिले , सोशल डिस्टैंसिंग का पालन हुआ कि नहीं, किसी कोरोना कैरियर के संपर्क में तो नहीं आए इस पर ध्यान देना स्थानीय पुलिस ने जरूरी नहीं समझा ।

युवती अपने दोस्त की माँ की अन्त्येष्टि में शामिल होने बिहार गई और दूसरे दूसरे दिन दोस्त के साथ वापस आ गई

एक दिन पहले ही यह खबर प्रकाशित हुई थी कि लोयाबाद (धनबाद ) से एक युवती अपने प्रेमी कुन्दन पासवान के साथ उसके गाँव चली । युवती की माँ ने युवक कुन्दन पासवान एवं उसकी दो बहन के खिलाफ 24 अप्रैल को लोयाबाद थाना में शिकायत दर्ज कार्यवाही थी जिसमें उसने कहा था कि कुन्दन पासवान एवं उसकी दो बड़ी बहनों ने उनकी नाबालिग बेटी को बहला-फुसला कर शादी करने के उद्देश्य से भगा ले गए ।

पुलिस ने जब दबाव बढ़ाया तो दोनों वापस लोयाबाद आ गए और थाना में आत्मसमर्पण कर दिया । युवती ने थाना में आकर बयान दिया कि कुन्दन पासवान उसका दोस्त है और उनकी दोस्ती एक अस्पताल में हुई थी जिसमें वो और कुन्दन की माँ दोनों भर्ती थी । युवती ने बताया कि चूंकि उनकी माँ के साथ उसका गहरा लगाँव था इसलिए जब उनकी मौत की खबर सुनी तो वह अपने आप को रोक नहीं पायी और दोनों बहनों के साथ ही बिहार चली गई । आत्मसमर्पण के बाद लोयाबाद थाना में दोनों पक्षों का आपसी सुलह हो गया और पुलिस ने दोनों को छोड़ दिया ।

इस मामले में सबसे बड़ा सवाल उठता है लॉकडाउन उल्लंघन का

क्या पुलिस ने कुन्दन पासवान की बहनों को जमुई , बिहार जाने की अनुमति दी थी और क्या वहाँ से युवती और कुन्दन को वापस धनबाद आने की अनुमति मिली थी ?

यदि हाँ, तो फिर इस लॉकडाउन की जरूरत ही क्या थी ? इस समय में जब लोग अपने निजी परिजनों की अन्त्येष्टि में शामिल नहीं हो पाते हैं उस समय एक युवती अपने दोस्त की माँ की अन्त्येष्टि में शामिल होने बिहार जाती है और फिर दूसरे दिन दोनों वापस भी आ जाते हैं ? क्या यह उनलोगों के साथ अत्याचार नहीं है जो अपने घरों से दूर कहीं लॉकडाउन में फंसे हुये हैं और सरकार के निर्देश का पालन करते हुये वहीं रह रहे हैं ।

और यदि नहीं , तो लॉकडाउन उल्लंघन के मामले में दोनों पर कार्यवाही क्यों नहीं हुई , वे दोनों अपने साथ कोरोना संक्रमण नहीं लाये होंगे या यहाँ से जमुई नहीं ले गए होंगे इसकी गारंटी कौन देगा ?

Last updated: अप्रैल 30th, 2020 by Pappu Ahmad