चित्तरंजन। चित्तरंजन रेलइंजन कारखाना(चिरेका) ने कोरोना संकट के बावजूद तेज गति क्षमता वाला अत्याधुनिक ऐरोडाइनामिक डिजाईन युक्त पहला विद्युत रेलइंजन “तेजस एक्सप्रेस”के निर्माण में सफलता प्राप्त की है। तेजस एक्सप्रेस (डब्लूऐपी –5 / 35012 एंड 35013) को आज 02 अक्टूबर को प्रवीण कुमार मिश्रा, महाप्रबंधक, चिरेका ने चिरेका साईडिंग से हरी झंडी दिखाकर देश सेवा के लिए रवाना किया। इस ऐतिहासिक मौके पर चिरेका के अधिकारिगण व अन्य भी उपस्थित थे।
इस मौके पर कोविड -19 के सुरक्षित उपायों जैसे निजी दूरी तथा फेस मास्क और अन्य सत्तर्कता के उपाय को लेकर सभी नियमों का पालन किया गया। तेजस भारतीय रेल और विश्व रेल् के मानचित्र पर विद्युत रेलइंजन के इतिहास में पहला रेलइंजन है, जो गति क्षमता, मॉडेल, डिजाईन, तकनीक, रंग-रूप, रूपांतरण और क्षमता के हिसाब से बिल्कुल नया और अद्वितीय है।
इस विद्युत रेलइंजन की खासियत यह है कि यह दोनों ही छोर से चालक दल दावरा संचालित किया जा सकेगा। यह रेलइंजन चालक दल को बेहतरीन और अत्यंत सुविधाजनक सेवा प्रदान करने वाली सहित ये ध्वनि रहित’, प्रदूषण मुक्त, ईकोफ्रेंडली और ग्रीन है। इसके अलावा कम खर्चे व रखरखाव में ज्यादा ऊर्जा-शक्ति प्रदर्शित करने वाला यह रेलइंजन है। इस दो रेलइंजन से युक्त महाशक्तिशाली तेजस की हॉर्स पावर क्षमता अलग-अलग रेलइंजन 6000+6000 हॉर्स पावर है।
यह तेजस रेलइंजन आधुनिक आईजीबीटी प्रोपलसन, पुस-पुल कौंफिग्रेशन आधारित तकनीक से लैस 160 किलोमीटर प्रति घंटा से रफ्तार भरने वाली और कम समय में लंबी दूरी तय करने वाली विद्युत रेलइंजन है। इसका निर्माण भारतीय रेल के तेजस प्रेसटिजीयस,प्रीमियम यात्री ट्रेन में सफल इस्तेमाल को ध्यान में रखकर किया गया है। जो रेल यात्री सेवा में नए युग कि शुरूआत मानी जा रही है। इसके अलावा कम खर्चे व रखरखाव में ज्यादा ऊर्जा-शक्ति प्रदर्शित करने वाला यह अत्याधुनिक रेलइंजन है।