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धनबाद के बाजार में दिखेगी त्यौहार की रौनक, कोयला कर्मियों को मिलेगा 72500 हजार बोनस

धनबाद। कोयलाकर्मियों को इस साल करीब 72 हजार 500रुपये बोनस मिलेगा। सोमवार को कोल इंडिया मुख्यालय में हुई बैठक में इस बात पर मुहर लगी। जानकर बताते हैं कि कोलइंडिया के इतिहास में यह पहला मौका है जब महालया के पहले बोनस की राशि तय हुई है।

बताया जाता है कि जेबीसीसीआई में शामिल चारों यूनियन के नेता आपस में बैठकर पहले डिमांड की राशि तय की ओर प्रबंधन के सामने मांग को रखा। राशि को लेकर बहुत देर तक खींचतान चलती रही। यूनियन अपनी मांगों पर अड़ा रहा जबकि प्रबंधन आर्थिक हालातों की दुहाई देता रहा। अंत में तय हुआ प्रत्येक कोयलाकर्मी को 72500हजार बोनस दिया जाएगा।

यहाँ बता दें कि साल 2018 में 60 ,500 बोनस मिला था. 2019 में 64 ,700 और 2020 में 68 ,500 बोनस के राशि तय हुई थी। हालांकि मजदूर संघों की कामगारों पर कमजोर पड़ती पकड़ को देखते हुए मजदूर संगठनों ने इस बार कोशिश की कि ज्यादा से ज्यादा बोनस दिलाया जाए. इसके लिए नेताओं की कई बैठके भी हुईंं। वर्ष 2019 -20 में कोल इंडिया को 16700 करोड़ का मुनाफा हुआ था ,जो इस वर्ष घट कर 12702 करोड़ रह गया है। इसी तर्क पर नेताओं की 01 लाख रुपया बोनस की मांग पर फैसला नहीं हुआ. जबकि नेताओं का तर्क है कि 12565 कर्मियों की संख्या भी घटी है। गत वर्ष कंपनी में बोनस के मद में 1721 करोड़ का भुगतान किया गया था।

कोरोना महामारी में भी कोयलाकर्मी देश के लिए जान की परवाह किये बिना कोल उत्पादन करते रहे। करीब 8 घंटे की मैराथन बैठक के बाद इस बार कम से कम उसमें 4000 रुपया की बढ़ोत्तरी हुई है। कोलइंडिया के 2.8 लाख कर्मियों को 1818 करोड़ रुपया का भुगतान होगा। बोनस का भुगतान 11 अक्टूबर तक कर्मियों के खाते में होगा। ठेका मजदूरों को भी 8.33 प्रतिशत की दर से बोनस दिए जाने पर सहमति बनी है। वैसे कोयलाञ्चल में बीसीसीएल ,ईसीएल के बोनस का केवल कर्मी और उनके परिजनों को ही इंतजार नहीं रहता बल्कि कोयलाञ्चल के बाजार को भी बोनस का इंतजार रहता है।

Last updated: अक्टूबर 5th, 2021 by Arun Kumar