Site icon Monday Morning News Network

देश के प्रथम राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद की जयंती मनाई गई

साहिबगंज। एनसीसी व एनएसएस के संयुक्त तत्वावधान में गुरुवार को डॉ. राजेन्द्र प्रसाद की जयंती पर माल्यार्पण तथा उनके जीवन दर्शन व संघर्ष पर एक परिचर्चा कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता साहिबगंज महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. विनोद कुमार ने किया ।

परिचर्चा कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्राचार्य यादव ने कहा कि डॉ. राजेंद्र प्रसाद एक व्यक्ति नहीं बल्कि एक व्यक्तित्व का नाम है। 3 दिसंबर 1884 में बिहार के सारण में जन्मे डॉ० राजेंद्र प्रसाद भारत की एक धरोहर हैं। स्वतंत्र भारत के प्रथम राष्ट्रपति के रूप में कार्यभार सँभालने वाले राजेंद्र बाबू को हम देशरत्न के नाम से भी जानते हैं। भारतीय राष्ट्रीय कॉंग्रेस के ओजस्वी, शिक्षित और प्रखर नेता के रूप में इन्होंने अपना महत्त्वपूर्ण योगदान दिया है।

परिचर्चा कार्यक्रम के संबोधन में डॉ.रणजीत कुमार सिंह ने कहा कि महापुरुषों का जन्म सिर्फ अपने लिए नहीं होता बल्कि, वे तो किसी बड़े काम को पूरा करके ही दम लेते हैं।

सन् 1917 में जब गाँधीजी ने चंपारण में अँगरेजों के खिलाफ आवाज उठाई, तभी राजेंद्र बाबू की भेंट गाँधीजी से हुई और वे (राजेंद्र बाबू) उनके शिष्य हो गये। उन्होंने चलती वकालत को लात मार दी, और देश की सेवा का व्रत लिया। यद्यपि वे बराबर दमे से परेशान रहे, तथापि देश के लिए कठिन-से-कठिन परिश्रम से भागते नहीं थे। वे एक सच्चे, धुनी, उत्साही, ईमानदार और परिश्रमी कार्यकर्ता थे। उनका शरीर भले ही दुबला-पतला था, किंतु उनकी आत्मा बलवती थी। उन्होंने बिहार के संगठन का बीड़ा उठाया। पटना का ‘सदाकत आश्रम’ उनकी अथक सेवा का फल है। जिसकी स्थापना कर उन्होंने बिहार में काँग्रेस की जड़ जमाई।

इस परिचर्चा कार्यक्रम में शिक्षक डॉ. अनूप कुमार साह, डॉ. संजीव कुमार सिंह, प्रो. मेरिम हेम्ब्रम,प्रो. चंद्रशेखर प्रमाणिक आदि ने भी अपना संबोधन व्यक्त किया। परिचर्चा कार्यक्रम में सीनियर अंडर अफसर शंकर कुमार यादव, सीनियर कैडेट अंगद कुमार यादव कमलेश कुमार मंडल, रामकुमार यादव, बासुदेव मंडल, संजीत कुमार यादव, जुली कुमारी, पूजा कुमारी, सारिका कुमारी, लक्ष्मी कुमारी, रूपा कुमारी, दीपाली कुमारी, नरगिस खातून, अनिशा कुमारी सहित सभी जूनियर कैडेट मौजूद थे।
साहिबगंज से संजय कुमार धीरज की विशेष रिपोर्ट।

Last updated: दिसम्बर 4th, 2020 by Sanjay Kumar Dheeraj