चौपारण प्रखण्ड के बहुचर्चित पडरिया हत्या कांड के दोषी मुखिया पर हो कार्रवाई । पडरिया में मुखिया के विजय जुलूस में बीरेन्द्र सिंह के हत्या हुई थी। हत्या का मामला को लेकर स्थानीय विधायक उमाशंकर अकेला के विरुद्ध लोगों में आक्रोश बढ़ रहा है। पीड़ित परिवार ने भी विधायक पर कई गम्भीर आरोप भी लगाए हैं। जिसमे सार्वजनिक रूप से गाली-गलौज व दोषियों को संरक्षण देने और जाति वाद का आरोप है। शनिवार को विधायक उमाशंकर अकेला ने अपने आवास पर प्रेस वार्ता कर यह बातों का खंडन करते हुए मनगढ़ंत और राजनीति से प्रेरित कहा। विधायक ने कहा कि अब तक मेरे ऊपर लगाए जा रहे सभी आरोप बेबुनियाद है। प्रेस वार्ता में विधायक ने कहा कि मुझे घटना की जानकारी मिली कि पडरिया मुखिया पप्पू रजक के विजय जुलूस ककरौला गांव पहुंचा तो कुछ लोगों ने बालकिसुन यादव के घर का दरवाजा एवं गाड़ी का शीशा तोड़कर घर मे घुस कर महिला के साथ गलत व्यवहार किया। नावाडीह गांव के एक लड़के के बाइक से जब ककरौला गांव पहुंचे तो देखा कि घटना सही है।
इसके बाद पीड़ित बाल किसुन यादव को थाना लेकर पहुंचे और इस घटना में शामिल दोषियों पर तत्काल कार्रवाई की मांग प्रशासन से किया। उस समय तक किसी ने नही बताया की विजय जुलूस में मारपीट भी हुई और कई लोग घायल हैं । ककरौला जाने के क्रम में करमा से दो लोग साथ गए और गांव में भी पडरिया के कई लोग मिले थे, लेकिन मारपीट की घटना की मुझे जानकारी नही दी गई। थाना में भी पडरिया के घायल परिवार द्वारा आवेदन भी नही दी गई थी। थाना में भी पहला आवेदन बाल किसुन यादव ने दिया था।
मेरे पर जातिवाद का आरोप गलत
स्थानीय विधायक उमाशंकर अकेला ने कहा कि किसी भी राजनीतिक दल रहा हो जातिवाद की राजनीति नही किया। राजनीति और सभी समुदायों का विकास, मान सम्मान को राजनीति जीवन भर कर्तव्य निभाया हूँ। दो दशक पूर्व ग्राम इंगुनिया में माओवादी घटना, चंदवारा और हाल ही में दुलमहा, बरही की घटना में मृतक मेरे जाति के नही थे। कहा राजनीति में जाति, धर्म और विशेष समुदाय की राजनीति नही करता हूं। मुझ पर जातिवाद करने का आरोप गलत है। मैंने कभी किसी जाति का पक्ष नही लिया।
पडरिया मुखिया है हत्या का दोषी, जो कार्रवाई
विधायक उमाशंकर अकेला ने स्पष्ट रूप से प्रेस वार्ता में बताया कि मुखिया के विजय जुलूस में हुई घटना का शुत्रधार तथा बीरेन्द्र सिंह के हत्या का पहला दोषी है। इस मामले में पहले मुखिया की गिरफ्तारी हो। मुखिया ही विवाद का जड़ है।
बीरेन्द्र सिंह की हत्या का हो उच्चस्तरीय जांच
विधायक ने कहा कि मृतक से मेरी कोई व्यक्ति गत या राजनीति लड़ाई नही था। ऐसे में पीड़ित परिवार का मेरे प्रति द्वेष करना राजनीति से प्रेरित हो सकता है। मृतक के परिजनों को न्याय मिलेगा। अभी तक पीड़ित परिवार मुझ से नही मिले। कहा मेरी सहानुभूति पीड़ित परिवार के साथ है और हर सम्भव मदद की बात कहीं।
भाजपा राजनीति फायदे के लिए बढ़ा रही मामले
विधायक उमाशंकर अकेला ने कहा कि पडरिया के मामले को लेकर भाजपा पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने के नाम पर राजनीति कर रही है। इस मामले से बेबुनियाद आरोप लगाकर मेरी छवि धूमिल करने का प्रयास बेकार साबित होगा। कहा राजनीति फायदे के लिए पीड़ित परिवार को कई लुभावने आश्वासन भी दी जा रही है। इस प्रेस वार्ता में अभिमन्यु प्रसाद भगत,मनोज सिंह, बिनोद सिंह, टुन्नू वर्णवाल, अजय केसरी सहित कई लोग थे।