धनबाद। जिला में इन दिनों लगातार घट रही रंगदारी की घटनाओं से व्यापारी खौफजदा हैं। इस भय को समाप्त करने के लिए रविवार को इंडस्ट्रीज एंड कॉमर्स सभागार में व्यापारियों और जिला प्रशासन के बीच एक अहम बैठक हुई। जिसमें पुलिस ने व्यापारियों को भरोसा दिलाया कि पुलिस पर भरोसा करें सब कुछ सही होगा, धनबाद पुलिस व्यापारियों की सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध है।
व्यापारियों और जिला प्रशासन की अहम बैठक, एसएसपी ने दिया आश्वासन
धनबाद एसएसपी असीम विक्रांत मिंज ने कहा कि उनके धनबाद में योगदान देने के बाद सबसे बड़ी घटना बैंक मोड़ में दिनदहाड़े एक ज्वैलरी दुकान में डकैती हुई थी। इस घटना को उन्होंने चैलेंज के रूप में लिया और गिरोह का पता लगाने के साथ ही 2 अपराधियों की गिरफ्तारी भी हुई। हाल के दिनों में रंगदारी को लेकर धमकी देने के मामले को भी पुलिस चैलेंज के रूप में लेकर काम कर रही थी, उनकी पूरी टीम ने इस मामले का पूरी तरह से उद्भेदन किया। उन्होंने कहा कि व्यापारियों का जो भरोसा पुलिस से उठ गया था उसे फिर से कायम करने में धनबाद पुलिस कामयाब हुई है।
बीते 15 दिनों के अंदर कई सारी घटनाओं का उद्भेदन करने में धनबाद पुलिस सफल रही है। इन घटनाओं के बाद से यहाँ के व्यापारी सुरक्षित माहौल चाहते थे और व्यापारियों को पुलिस ने उन्हें सुरक्षित होने का भरोसा दिलाया है। एसएसपी ने कहा कि रंगदारी प्रकरण में व्हाइट कॉलर वाले लोग जल्द ही सामने आएंगे, इनका भी खुलासा पुलिस करेगी। एसएसपी ने सभी व्यापारियों से अपने स्तर पर अपनी सुरक्षा सुनिश्चित करने का आग्रह किया।
बेहिचक शिकायत करें व्यापारी
उन्होंने कहा कि आपके वो अपने पर्सनल नंबर जिनकी जानकारी किसी दूसरे को नहीं होती है वह भी अपराधियों तक पहुँच रहे हैं, इसका साफ मतलब है कि कोई आपके आसपास का ही व्यक्ति उन तक सूचनाएं पहुँचा रहा है। अपने आसपास के माहौल पर व्यापारी गंभीरतापूर्वक विचार करें। उन्होंने यह भी साफ तौर पर कहा कि जब भी कोई धमकी आती है तो व्यापारी संकोच ना करते हुए मामले को लेकर तुरंत पुलिस से संपर्क करें और नामजद प्राथमिकी दर्ज कराएं, ताकि पुलिस जल्द से जल्द कार्यवाही कर सकें।
प्रशासन और व्यापारियों में बना रहे तालमेल
जिला प्रशासन और व्यापारियों की इस बैठक में आपसी समन्वय बनाने पर चर्चा की गई। धनबाद एसएसपी ने कहा कि जब तक प्राथमिकी दर्ज नहीं कराई जाएगी तब तक पुलिस कुछ नहीं कर सकती है। उन्होंने कहा कि कुछ भी होने पर प्राथमिकी दर्ज कराएं ताकि पुलिस दूध का दूध और पानी का पानी कर सकें। प्राथमिकी दर्ज नहीं होने पर पुलिस कुछ भी नहीं कर सकती।