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मालवाहक जहाज के डूबने से आठ बड़े वाहन सहित दस यात्री लापता

साहिबगंज जिला अंतर्गत राजमहल-माणिक चक ( पश्चिम बंगाल) फेरी सेवा के अंतर्गत एक बड़ी जहाज (एलसीटी) सोमवार की देर शाम मालदा जिले के माणिकचक फेरी घाट के निकट पलट गया। इस घटना में आठ बड़े वाहन (ट्रक, हाइवा) सहित दर्जनों लोग डूब गए। घटना के समय बाइस लोग डूबे थे, लेकिन समय रहते बारह लोगों को बचा लिया गया , जबकि 10 लाेग अब भी लापता हैं। इस बीच मालदा (पश्चिम बंगाल) जिला के मजिस्ट्रेट राजर्षि मित्रा और पुलिस अधीक्षक आलोक राजोरिया जहाज के डूबने की सूचना के बाद तत्काल मालदा से माणिकचक पहुँचे। यात्रियों को बचाने के लिए आपदा प्रबंधन विभाग के अधिकारी और कर्मचारी भी मौके पर पहुँच गये हैं।

मिली जानकारी के अनुसार, सोमवार की संध्या सात बजे के करीब राजमहल फेरी घाट से उक्त एलसीटी जहाज माणिकचक के लिए रवाना हुई थी, जिसमें नौ भारी वाहन सहित दो दर्जन से अधिक यात्री सवार थे। माणिकचक फेरी घाट पहुँचने के क्रम में एलसीटी का संतुलन बिगड़ने से आठ बड़े वाहन गंगा में विलीन हो गये, जबकि दस लोगों के डूबने की आशंका जताई जा रही है।
बताया जा रहा है कि माणिकचक फेरी घाट में जहाज अनलोड करने के क्रम में एक चौदह चक्का ट्रक उतारा जा रहा था। इसी क्रम में जहाज का संतुलन बिगड़ गया और जहाज पलट गया।जिस कारण आठ बड़े वाहन सहित कई पैसेंजर पानी में डूब गये,जबकि एक ट्रक दुर्घटनाग्रस्त हो गया है। हालांकि, कई लोग तैरकर जान बचाने में कामयाब भी रहे। बाजवूद इसके कई लोगों के डूबने की आशंका है। इधर, घटना की सूचना पाकर राजमहल थाना प्रभारी दल बल के साथ घटनास्थल पर पहुँचे, जबकि माणिकचक पुलिस, घटनास्थल पर पहले ही पहुँच चुकी थी।

पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, शुरू में ही दस यात्रियों को बचाया गया है। उनमें से कुछ घायल भी हैं, जिन्हें माणिकचक और मालदा मेडिकल कॉलेजों में भर्ती कराया गया है। हालांकि, वे सभी स्वस्थ हैं।

जिला प्रशासन के अधिकारियों ने हादसे की जाँच शुरू कर दी है।
ज्ञात हो कि देर शाम एवं अंधेरा हो जाने के कारण राहत कार्य रात्रि दस बजे के बाद ही प्रारंभ हो सका था। मणिकचक घाट पर अंधेरा एवं देर रात होने के कारण प्रशासन ने बचाव अभियान में देर रात जेनरेटर के जरिये सर्च लाइट, राहत,एवं बचाव कार्य की व्यवस्था की ।

स्थानीय लोगों से मिली जानकारी के अनुसार, एक विशाल ट्रेलर लांच झारखंड के राजमहल से मालदा के मानिकचक गंगा नदी पार कर आ रहा था। इस लॉन्च में दस कार्गो लॉरी थीं। प्रत्येक लॉरी रेत और पत्थरों से लदी थी। जैसे ही लॉन्च माणिकचक में गंगा घाट पर उतरा, दुर्घटनाग्रस्त हो गया और एक-एक करके लॉरी गंगा में डूबने लगा। फिर लॉन्च का पिछला हिस्सा एक पल में टूट गया। उस समय आसपास के लोग यात्रियों की चीख पर दौड़कर पहुँचे।

उन्होंने कुछ यात्रियों को अपनी आँखों के सामने डूबते देखा। हालांकि, प्रशासन ने जानकारी दी है कि लॉन्च में लॉरी चालक के अलावा लगभग बारह यात्री सवार थे। लेकिन शुरूआती बाइस यात्रियों का उल्लेख अभी तक नहीं किया गया है। घटना कैसे हुई और कितने लोग अभी भी लापता हैं? इसकी जाँच शुरू कर दी गयी है,लेकिन समाचार लिखे जाने के क्रम तक ना तो डूबे व्यक्तियों की लाश मिल पाई है और ना ही मालवाहक वाहन,सहित ट्रकों को निकाला जा सका है।

Last updated: नवम्बर 24th, 2020 by Sanjay Kumar Dheeraj