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मंदिर के कुछ हिस्से को तोड़े जाने पर श्रद्धालुओं में नाराजगी

सीतारामपुर -आसनसोल रेल मंडल अंतर्गत सीतारामपुर स्थित बीस वर्ष पुरानी बाबा भुवनेश्वर श्री श्यामा मायेर मंदिर परिसर के कुछ हिस्सों को तोड़े जाने से स्थानीय लोगों के काफी आक्रोश है. हालाँकि अभी तक इसे लेकर कोई आन्दोलन नहीं किया गया है, लेकिन लोग इसका मन बना रहे है. बताया जाता है कि बीस वर्ष पुरानी इस श्यामा मंदिर से लोगों की काफी आस्था जुड़ी हुई है, यहाँ प्रत्येक दिन प्रात: एवं संध्या समय माँ की पूजा-पाठ व आरती की जाती है, जिसमें सैकड़ों की संख्या में स्थानीय महिलाए व युवतियाँ हिस्सा लेती है.

आईओडब्लू तोड़ दिया स्टोर रूम

मंदिर का क्षतिग्रस्त हिस्सा

 

भक्तगणों के लिए मंदिर समिति द्वारा एक शौचालय व स्टोर रूम की व्यवस्था की गयी थी, पीने के लिए पानी का नल व श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए छज्जा लगाई गई थी. जिसे सीतारामपुर आईओडब्लू के निर्देश पर तोड़ दिया गया. जिसके कारण पूजा-पाठ करने आने वाले श्रद्धालुओं को काफी परेशानी हो रही है, मंदिर के पुजारी के लिए भी विकट समस्या उतपन्न हो गयी है.

शौचालय को भी तोड़ दिया गया

इस विषय पर स्थानीय सह भाजयुमो जिला सचिव संतोष कुमार वर्मा (टिंकू) ने बताया कि मंदिर के पीछे सीतारामपुर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में पदस्थापित चीफ मेट्रोंन सी.लकड़ा एवं अस्पताल अटेंडेड सुमन देवी का क्वार्टर है और उनके शिकायत पर आईओडब्लू के आदेशानुसार मंदिर के कुछ हिस्से को छतिग्रस्त किया गया है. श्री वर्मा ने कहा कि मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं के लिए एक शौचालय की व्यवस्था की गयी थी जिसका दरवाजा उखाड़ दिया गया है,जिससे उसका कोई व्यवहार ना कर सके. मंदिर के पूजा-पाठ की सामग्री रखने के लिए एक स्टोर रूम बनाया गया था जिसे ध्वस्त कर दिया गया एवं श्रद्धालुओं को बैठकर पूजा-पाठ करने के लिए लगाया गया छज्जा भी उखाड़ दिया गया. उन्होंने कहा कि इतना ही नहीं पीने की पानी का कनेक्शन काट दिया गया और जहाँ माँ की प्रतिमा स्थापित है, उस कमरे से पानी की निकाशी का रास्ता बंद कर दिया गया, जिससे मंदिर में आने वालों लोगों को भारी समस्या हो रही है.

क्वार्टर में रहने वाले रेल कर्मियों को मंदिर से परेशानी हो रही थी

श्री वर्मा ने कहा कि यह हमारे धर्म के ऊपर अघात है जिसे हमलोग कभी बर्दाश्त नहीं करेंगे और सोमवार को इसकी शिकायत आसनसोल रेल मंडल प्रबन्धक को किया जायेगा. इस विषय पर सीतारामपुर आईओडब्लू ए.ए. टोपनो ने कहा कि उन्हें ऊपर से आदेश आया था ऐसा करने के लिए और मंदिर को किसी प्रकार का कोई नुकसान नहीं पहुँचाया गया है. बल्कि गलत तरीके से कुछ जगहों पर निर्माण कर दिया गया था, सिर्फ उसे हटाया गया. ताकि पीछे क्वार्टर में रहने वाले रेल कर्मियों को परेशानी ना हो.

Last updated: फ़रवरी 25th, 2018 by News Desk