कल्याणेश्वरी(प० बंगाल): किसी ने सच ही कहा है की एक सच को छुपाने के लिए हजार झूठ बोले जाते है|
किन्तु क्या सच इतना बेबश और कमजोर है, की अमीरों की चौखट पर दम तोड़ दे।
किन्तु यह भी सत्य है कि 15 साल बाद ही सही किन्तु बाहुबली बाबा राम रहीम को भी आखिरकार सत्य के आगे घुटने टेकने ही पड़े।
इसे ही तो सत्या की जीत कहते हैं।
किससे छुपी है मैथन के होटलों की रंगीन रातें
मैथन की हसीन वादियों में सैलानियों के नाम पर बनी करोडों रूपए की लगत से आलीशान होटलों की रंगीन रातें शायद ही किसी से छुपी हो. पैसे कमाने की होड़ में होटल संचालक और दलाल आज यहाँ वैश्यावृत्ति को तानाशाही के साथ बढ़ावा दे रहे है|
इनके पास है 56 इंच का सीना
पूरे प्रकरण में आज संचालक 56 इंच का सीना की धौंस दिखाते है|
और नोटों के बल पर सत्य को झूट बनाना उनके लिए मामूली बात है|
रविवार(27 अगस्त) की घटना से इलाके में चल रहा राजनीतिक तूफान
नेताओं में खलबली मची है,राजनीतिक गलियारे में आंधी आ चुकी है|
रविवार(27 अगस्त) को देह व्यापार बढ़ावा व सञ्चालन करने को लेकर मैथन होटल में हुआ था तोड़-फोड़ ।
कुछ नेता वैश्यावृत्ति कराने वाले होटल संचालक को महात्मा साबित करने पर तुले हुये हैं
इसका तो यही मतलब हुआ कि समाज की जिस बुराइयों को अगर पुलिस अनदेखी कर दे और यदि जनता उसका बहिष्कार करती है तो जनता अपराधी हो गयी और एक नामचीन क्षेत्र को वैश्यावृत्ति की दलदल में धकेलने वाले दलाल महात्मा|और हो भी क्यों नहीं वफादारी के खातिर ही उन नेताओ के लिए यहाँ की होटल के कमरों में रात रंगीन होती है|
घंटे के हिसाब से है कमरे का किराया, प्रतिदिन लाखों की होती है कमाई
होटल मैथन एक ऐसा नाम है जिसे झारखण्ड से लेकर बंगाल तक शायद ही लोग नहीं जानते होंगे।
यहाँ के कमरों का किराया 1 घंटे का 600 है, ऐसे में प्रतिदिन लाखों की अवैध कमाई शायद ही किसी से छुपा हो,
इस कतार में ऐसे लगभग दर्जन भर और भी होटल है|
जो यहाँ एक गिरोह के रूप में संचालित किया जाता है,
आवाज़ उठाने वाले को औकात याद दिला दी जाती है
नहीं माने तो फिर राजनितिक व् प्रसासनिक सरपरस्ती से उसे अपराधी करार दे दिया जाता है|
सत्ता दल के एक नेता को होटल संचालक द्वारा मारपीट व कुत्ते से कटवाने के बाद,
उन्ही के दल के एक वरिष्ठ नेता द्वरा होटल संचालक के सर पर हाथ रख दिया जाता है|
और मामले को रफा दफा करने के लिए दबाव बनाया जाता है|
घटना में हुए नुकसान की भरपाई के लिए दबाव बनाया जाता है|
भुक्तभोगी नेताओं की लाख दलीलों को नज़र अंदाज कर दी जाती है,
अलबत्ता उल्टा चोर कोतवाल को डांटने वाली कहावत आज यहाँ चरितार्थ हो रही है|
ममता बनर्जी तक गयी है फरियाद
15 वर्ष पूर्व दो पीड़ित युवतियों द्वारा पूर्व प्रधानमंत्री को लिखी गई चिट्ठी ने बाबा राम रहीम की 1000 करोड़ की संपत्ति खाक में मिला दी|
एक गुमनाम चिट्ठी पश्चिम बंगाल की मुख्य मंत्री ममता बनर्जी को भेजने की भी बात सामने आ रही है|
जिसमे क्षेत्र को वैश्यावृत्ति से मुक्त कराने की फ़रियाद की बात सामने आ रही है|
अब यहाँ सत्य की जीत होती है या नोटों की गड्डियों के सामने सत्य का अंतिम संस्कार ये तो वक़्त ही बताएगा|
27 अगस्त की घटना की लिपा-पोती के लिए की जा रही है कोशिश
इधर घटना के बाद से ही होटल संचालक सक्रियता दिखाते हुए क्षेत्र के समाजसेवी,
सफेद्पोस से लेकर कलम के सिपाहियों तक को खरीदने में कोई कसर बाकि नहीं छोड़ी,
बताया जाता है की मामले की वास्तविक कारण को बदलने के लिए 50 हजार से भी अधिक की रिश्वत की बंदरबाट की गई
साथ ही खबर है की कुछ लोगो को जमकर शराब पिलाई गई|
साथ ही सबाब परोसने की दावत भी दी जाने की बात सामने आ रही है|
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