स्वामी विवेकानंद के शिकागो के धर्म सभा में विश्वविख्यात भाषण के 126 वर्ष पूरे हुये , श्रद्धांजलि अर्पित कर उन्हें याद किया गया
11 ग्यारह सितंबर 1893 को स्वामी विवेकानंद जी ने शिकागो के धर्म सभा में विश्वविख्यात भाषण देकर पूरे भारत देश का नाम दुनिया में रौशन कर दिए थे । उनके द्वारा दिए गए भाषण जिसके चार शब्द “मेरे प्रिय”, “अमेरिकन वासी” , “भाइयों” और “बहनों” ने विश्व पटल पर पूरे भारतीयों का सिर गर्व से ऊंचा कर दिया ।
धर्म सभा में सबसे अंतिम में बोलने का मौका मिला और इन्होंने देश का परचम वहाँ लहरा दिया । सनातन धर्म के प्रतिनिधि के रूप में स्वामी विवेकानंद जी वहाँ गए हुए थे उन्होंने बताया कि धर्म क्या होता है , मानवता क्या होती है , इंसानियत क्या होती है , मानवता और प्रेम से पूरे संसार को जीता जा सकता है ।
11 सितंबर को उनके भाषण का 126 साल पूरा हुआ है । इस अवसर पर जन विकास सेवा संघ द्वारा एक कार्यक्रम आयोजित किया गया जिसमें विवेकानंद के जीवनदर्शन पर चर्चा की गयी । कार्यक्रम में उपस्थित सभी लोगों ने विवेकानंद के तस्वीर पर पुष्प अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी एवं उनके आदर्शों पर चलने का शपथ लिया ।
कार्यक्रम में जन विकास सेवा संघ के पथ प्रदर्शक शिवनाथ चौधरी , अध्यक्ष जय शंकर सिंह , विनोद यादव , अशोक सिंह , बप्पा चटर्जी , मोहम्मद जमील, मृदुल भाषी गोपाल दास,मिंटू यादव , मृदुल भासी इंद्रदेव प्रसाद, संघ के सचिव अजय कुमार चौबे सहित कई लोग उपस्थित थे
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