लोयाबाद रेलवे स्टेशन समीप निवासी तीस वर्षीय सपन गोस्वामी का शुक्रवार की रात अपने आवास के आँगन में नीबू के पेड़ में फांसी के फंदे से झूलता शव मिला। खबर मिलते ही थाना प्रभारी चुन्नू मुर्मू, निलेश सिंह, अमित मार्कि व भुनेशवर उरांव मौके पर पहुँचे। पुलिस ने शव का पंचनामा कर पोस्टमार्टम के लिए धनबाद भेज दिया।
डेकोरेटर का काम करता था मृतक
मृतक मजदूर था। वह डेकोरेटर में काम करता था। घटना के समय मृतक की पत्नी रीता देवी अपने मायके कतरास में थी। घटना की खबर पाकर पहुँची। घर में मृतक और उसकी माँ थी। सुबह माँ जब सोकर उठी तो आँगन में अपने पुत्र के शव को देखा । माँ की रोने धोने की आवाज सुन कर मोहल्ले वाले जूटे। मृतक का एक आठ साल का पुत्र व पाँच साल की एक पुत्री है।
पत्नी ने बताया कि उसका पति डेकोरेटर में मजदूरी का काम करते थे। उसके माता-पिता ने अपना डेकोरेटर का काम शुरू करने के लिए इन्हें चालीस से पचास हजार रुपए दिए थे। लॉकडाउन के कारण रोजगार सही से शुरू नहीं हो पाया और सारा पैसा खत्म हो गया।
मुहल्ले वालों ने बताया कि ससुराल वालों द्वारा पैसे के बारे में पूछे जाने पर वह डिप्रेशन में रहता था। रविवार को इस बात को लेकर बैठक होने वाली थी। तनाव में आ कर उसने आत्महत्या का रास्ता चुन लिया। शव को देखने से प्रतीत होता मृतक की मौत रस्सी के फंदे से नहीं हुई है। अनुमान लगाया जा रहा की जिस रस्सी से वह फांसी लगाया था वह कमजोर था। फांसी के फंदे से झुलते ही वह जमीन पर गिर पड़ा होगा और उसका सर पत्थर से जा टकराया होगा। संभवतः सर पर गहरी चोट लगने से उसकी मौत हो गई हो। सर पर गहरी चोट और बहा हुआ खून साफ दिखाई दे रहा था।