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गरीबी में गुजर-बसर कर रहे लोगों के घरों से निकले सीए की परीक्षा पास करने वाले विद्यार्थी, रानीगंज की भूमि चार्टर्ड अकाउंटेंट के तयारी करने वालों के लिए वरदान

रानीगंज । रानीगंज के लिए एक कहावत है कि यहाँ की भूमि चार्टर्ड अकाउंटेंट के लिए वरदान है। यही वजह है कि अनेकों छात्र दूर-दराज से आकर रानीगंज में आकर अध्ययन करने में अपना विश्वास रखते हैं, रानीगंज के दो जरूरतमंद एवं मेहनत मजदूरी करने वाले परिवार के दो बच्चे ने सीए के परीक्षा में सफलता हासिल कर एक मिसाल कायम की है।

रानीगंज के शिशुबगान के पूजा गुप्ता की ऐसी ही दर्द भरी कहानी है। माँ सुनीता गुप्ता ने बड़े मेहनत करके अपनी पुत्री पूजा को शिक्षा प्रदान करवाया । पूजा ने बताया कि करीब 10 वर्ष से उनके पिता लापता है। माँ ने बड़ी मेहनत करके मजदूरी करके मुझे पढ़ाया लिखाया। पूजा ने बताया कि मेरी सफलता का श्रेय मेरी माँ को जाता है । लेकिन सीए के छात्र राजेश यादव एवं सीए की पढ़ाई कर रहे एक छात्र दीपक साव का सहयोग निरंतर रहा है। निरंतर उनका मनोबल मुझे मिलता रहा एवं मदद भी मिलती रही । जिसके कारण आज मैं सफलता पाई। मेरी प्रथम प्राथमिकता होगी माँ को एक नया जीवन खुशियों भरा देना । यही मेरी जिंदगी का लक्ष्य है।

घूम-घूम कर कपड़ा फेरी लगाने वाले रामकुमार साव के पुत्र दीपक साव ने चार्टर्ड अकाउंटेंट बनकर मिसाल कायम की है। दीपक के पिता ने बताया कि बचपन से ही सरकारी स्कूल में अपने बेटे को पढ़ाया। बेटा बचपन से ही पढ़ने में काफी तेज था ।हमारे खानदान में किसी ने आज तक ग्रेजुएशन भी नहीं की। परंतु दीपक ने सीए बंन कर मुझे एवं मेरे परिवार के सदस्यों का सिर ऊंचा कर दिया है। दीपक ने बताया कि सीए की फाइनल परीक्षा की कोचिंग कोलकाता से ली है एवं इसका खर्च पापा ने दिन रात मेहनत करके एक-एक पैसा जोड़कर पढ़ाई के लिए मेरी मदद की है। वैश्विक महामारी के इस दौर में पापा का फेरी का कार्य बंद हो गया था। लेकिन पापा ने मेरे लिए चिप्स कुरकुरे बेचकर मुझे पढ़ाया है ।मैं अपने पापा के कारण ही आज सीए बंन पाया हूँ।

वही चार्टर्ड अकाउंटेंट अंजना गुटगुटिया की पुत्री प्रियंका ने चार्टर्ड अकाउंटेंट बंन कर अपने परिवार वालों का नाम रौशन किया है। प्रियंका ने बताया कि उनकी सफलता का श्रेय उनके माता-पिता का है, उनकी मम्मी ने शादी के कई वर्षों पश्चात सीए की पढ़ाई शुरू की थी एवं करीब 45 वर्ष उम्र होने पर चार्टर्ड अकाउंटेंट की डिग्री हासिल की थी। अपनी माँ के जज्बे एवं मेहनत को लक्ष्य में रखकर प्रियंका ने आज सफलता हासिल की है एवं एक मुकाम पर पहुँची है।

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Last updated: सितम्बर 14th, 2021 by Raniganj correspondent