पांडवेश्वर। शारदीय नवरात्र में अपने घरों में मंदिरों में कलश स्थापना करके देवी दुर्गा की आराधना करने वाले भक्तों की पूजा की सफलता का सूचक अंकुरित जौ को साफ देखा जा सकता है , षष्ठी के दिन ही कलश के नीचे रखा गया जौ को देखकर देवी की प्रसन्नता को भक्त मानते है। कर्मकांडी संतोष पांडेय का कहना है कि कलश के नीचे जौ को समय से अंकुरित होने की बहुत बड़ा महत्त्व है और जो भी भक्त देवी दुर्गा की सच्चे मन से और श्रद्धा से पूजा अर्चना करते है तो उनका कलश के नीचे रखा गया जौ अवश्य अंकुरित होगा इसमें तनिक भी शचय नहीं है। शारदीय नवरात्र में देवी दुर्गा का आगमन पालकी से हुआ है और हाथी पर सवार होकर जायेगी ।
Last updated: अक्टूबर 12th, 2021 by