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ग्रामीण युवा की ऊंची उड़ान जेपीएससी में हुआ सफल, ड्राइवर पिता ने मेहनत कर बेटे को पहुंचा ऊंचे मुकाम पर

केवल शिक्षा के दम पर ही जीवन की हर जंग को जीता जा सकता है। अब इस बात का प्रसार ग्रामीण इलाकों में भी होने लगा है। यही कारण है कि अब बड़ी संख्या में ग्रामीण प्रतिभाएं भी अपनी पहचान बिखेर रहे हैं। एक ऐसे ही ग्रामीण युवा संजीत कुमार यादव हैं जिन्होंने अपनी उपलब्धि से पूरे प्रखंड को गौरवान्वित किया है। दरअसल संजीव कुमार यादव ने जेपीएससी की परीक्षा उत्तीर्ण कर ली है। उन्हें 129 वां रैंक मिला। संजीत के पिता उपेंद्र यादव पेशे से चालक हैं। उन्होंने कठिन परिश्रम कर अपने बेटे को इस मुकाम पर पहुंचाया है। वह महाराष्ट्र में ड्राइविंग करते हैं । उनका बड़ा पुत्र अजीत यादव सेना में जवान है। अपनी सफलता पर प्रतिक्रिया देते संजीत कुमार यादव ने बताया कि दृढ़ इच्छाशक्ति , प्रबल आत्मविश्वास और सतत मेहनत से सफलता हासिल हो सकी है। उन्होंने अपनी सफलता का श्रेय अपने मेहनती पिता और अपने गुरुजनों को दी। उन्होंने बताया कि प्रतिदिन 12 से 14 घंटे की लगातार पढ़ाई से सफलता मिल पाई है। संजीत ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा गांव के विद्यालय में प्राप्त की। उसके बाद बसरिया के डॉक्टर बीएन सिंह उच्च विद्यालय से मैट्रिक और हजारीबाग के इंटर साइंस कॉलेज से आईएससी किया। इसके बाद उन्होंने भोपाल से बीटेक किया। लेकिन इंजीनियर होने के बावजूद उन्होंने कहीं कोई नौकरी नहीं की और केवल अपने लक्ष्य प्रशासनिक सेवा प्राप्त करने को मेहनत करते रहे। उन्होंने कहीं से भी कोचिंग प्राप्त नहीं की और लगातार हजारीबाग में रहकर ही प्रशासनिक परीक्षाओं की तैयारी करते रहे। अंततः सातवीं जेपीएससी में अपने पहले ही प्रयास में उन्होंने सफलता प्राप्त कर ली। संजीत की सफलता पर पूरे प्रखंड में हर्ष का माहौल है तथा उनके पिता को एक मिसाल के रूप में देखा जा रहा है, जिन्होंने ड्राइविंग कर अपने दोनों बेटों को देश सेवा में समर्पित कर दिया।

Last updated: जून 1st, 2022 by Aksar Ansari