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थकान दूर करने वाला सबसे अच्छा औषधि है संगीत – प्रदीप रॉय

गितार वादक प्रदीप रॉय

आसनसोल -आज की भागदौड़ भरी जीवन शैली के चलते जिंदगी अहिस्ता-अहिस्ता बोझ बनती जा रही है, मानसिक तौर पर हमलोग इतना थक जाते हैं कि खुद बारे में सोचने तक का समय अपने पास नहीं रहता है. कार्य, परिवार और स्वयं के बीच तालमेल बिठाने के चक्कर में हममें सेअधिकांश मानसिक तौर पर बीमार और परेशान होते जा रहे है. मानसिक दबाव आम जीवन में चलने वाली एक ऐसी समस्या है जिससे ना ही हम पूरी तरह छुटकारा पा सकते हैं और ना ही इसके लिए कोई दवा या दुवा बनी हैं. हालांकि योग और ध्यान जैसे कई विकल्प हमारे सामनेमौजूद हैं. जिन्हें अपनाकर हम इस समस्या से छुटकारा पा सकते हैं.

लेकिन अधिकतर लोग संगीत से अपने मन की बोझ हल्का करते है और आजऐसी ही एक सख्सियत से आप लोगों को रु-बरु करवाने का अवसर प्राप्त हुआ है. क्योंकि संगीत में जादू है और कुदरत से भी संगीत ही नकलती है.पश्चिम बंगाल के बराकर निवासी प्रदीप रॉय उर्फ़ टूटूल ऐसे ही प्रतिभा के धनि है. जिन्होने संगीत को अपना तनाव दूर करने एवं कैरियर के लिए चुना है.प्रदीप जी का जन्म 22 जून 1977 को हुआ. वैसे तो बचपन से ही उनमे संगीत के प्रति काफी लगाँव था, लेकिन पढ़ाई में बाधा ना हो और अभिभावक के प्रेशर के कारण उनकी यह इच्छा दब गई थी.

लेकिन वर्ष 1996 में 12वीं पास करने के बाद उन्हें गिटार सीखने की इच्छा हुई और फिर उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा. उन्होंने गिटार की अपनी पहली शिक्षा गुरु रंजीत मुखर्जी से लेना शुरू किये. उसके बाद शिक्षक जगनाथ दास एवं बाद में अजय सिंघानिया से अपनी शिक्षा पूरी की. इस पूरी शिक्षण प्रक्रिया में उनके आदर्श एवं परम गुरु छोटन बनर्जी का अहम योगदान रहा. प्रदीप रॉय ने बताया कि छोटन बनर्जी उनका हमेशा सहयोग करते है. उनसे आज भी शिक्षा ले रहा हूँ. क्यों कि सीखने का कभी अंत नहीं होता है.

टुटुल रॉय ने बताया कि वे अपनी संगीतमय सफर के दौरान वर्ष 2016 में दूरदर्शन के डीडी -7 में एवं 2018 के रूपशी बांग्ला चैनल में दो बड़े-बड़े शो में प्रदर्शन कर चुके हैं. संगीत की इस दुनिया में काफी सुकून है. उन्होंने कहा कि आगे उनका सपना है कि वो एक म्यूजिक स्कूल खोलेंगे और वहाँ उन बच्चों को शिक्षा दी जाएगी जो आर्थिक रूप से कमजोर है. जिन्हें वो अपनी ओर से गिटार भी प्रदान करेंगे. उनके म्यूजिक से प्रभावित होकर एक विशेष ग्रुप ने उन्हें लंदन के लोकगीति कार्यक्रम में बजाने का मौका दिया है.

प्रदीप ने संगीत को थकान दूर करने वाला सबसे अच्छा ओषधि बताया और कहा मानसिक परेशानी से छुटकारा पाने के लिए गिटार के अपने फायदे हैं. किसी भी वाद्य यंत्र को बजाना आपके मानसिक स्वास्थ्य के लिए लाभदायक सिद्ध हो सकता है. यह न सिर्फ आपके किसी की बातों को सुनने के कौशल को बेहतर बनाता है, बल्कि इससे उम्र के साथ होने वाली ज्ञानात्मक क्षति को रोकने में भी सहायता मिलती है. जबकि गिटार के प्रयोग से आप मानसिक शांति का अनुभव करते हैं. गिटार की आवाज हमारे मस्तिष्क पर सकारात्मक प्रभाव डालती है और इससे न सिर्फ सुनने की क्षमता बेहतर होती है,

बल्कि यह बढ़ती उम्र में भी मस्तिष्क को स्वस्थ रखता है. जो लोग काफी परेशान रहते हैं उन्हें जरूर दिन में आधा घंटा गिटार बजाना चाहिए. यह बीमारियों से लडऩे की क्षमता को विकसित करता है. शोधकर्ताओं ने इसे लेकर कई लोगों खासकर युवाओं पर शोध किये है, जिसमें इन सभी बातों की पुष्टि हुई है. अंत में प्रदीप ने कहा कि गिटार बजाना सीखना बहुत मजेदार होता है, शुरूआत में तार को बजाना आपको डरा सकता है, लेकिन डरिए मत, यह सीधी नोट बजाने जैसा ही है, फर्क सिर्फ इतना है कि आप सभी को एक साथ बजा रहे होते हैं.

Last updated: अगस्त 24th, 2018 by News Desk