एकलव्य सांस्कृतिक संस्था के तत्वाधान में रूपनारायणपुर स्थित नांदनिक सभागार में एक दिवसीय सारा बंगला श्रुति नाटक उत्सव का आयोजन किया गया। आयोजन में मुख्य रूप से रेडियो पर प्रसारित होने वाली कंठ नाटक द्वारा विभिन्न कहानियां, कविता समाचार जैसे विलुप्त होती रेडीयो प्रचलन को बढ़ावा देने का प्रयास किया गया।
आयोजन में पूरे पश्चिम बंगाल के कला मंच से जुड़े नाटककारों ने हिस्सा लिया, और प्राचीन समय में रेडियो पर प्रसारित होने वाली कहानियों को प्रत्यक्ष रूप से मंचन किया गया।
आयोजन में मुख्य अतिथि के रूप में बाराबनी विधायक विधान उपाध्याय, जिला परिषद सदस्य असीत सिंह, एवं भोला सिंह उपस्थित रहे। एकलव्य सांस्कृतिक संस्था के अध्यक्ष कालिदास मिश्रा ने कहा पहले के समय में रेडियो ही एकमात्र मनोरंजन एवं समाचार का साधन होता था।
रेडियो पर प्रसारित होने वाली नाटक का सबको बेसब्री से इंतज़ार रहता था। उन्होंने कहा कि रंगमंच से विलुप्त होती कंठ नाटक को पुनः सहेजने के लिए एकलव्य सांस्कृतिक संगठन निरंतर प्रयास कर रही हैं। साथ ही इस कार्य में पश्चिम बंगाल के अन्य सांस्कृतिक संगठन कंठ नाटक को पुनः स्थापित करने के लिए आंदोलन कर रही है।
मौके पर सभापति विराज गांगुली, अधीर घोष, तपती बेज, अनूप पॉल, स्वेता सरकार, अंजना पॉल, शिप्रा तालुकदार, सुदीप पॉल, गीता दास, संचित दास, दिनेश पंडित, सुब्रतो दास, प्रदीप रॉय, संगीत गूंध, जयंती घोष, कुमार आसिष, अनिल धीवर समेत अन्य कलाकार उपस्थित थे।