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श्रमिक यूनियन और ईसीएल प्रबन्धन के प्रयास से 13 मामले निबटाये गए

ईसीएल मुख्यालय द्वारा शुक्रवार को सताईसा स्थित माइन्स रेस्क्यू स्टेशन क्लब में वैकल्पिक विवाद समाधान तंत्र के माध्यम से मामलो का निपटान कार्यक्रम का आयोजन किया गया.यह कार्यक्रम केंद्र सरकार के जीरो लेडीकेशन पॉलिसी के तहत आयोजित हुई. इस दौरान लोक अदालत के 13 अनुपस्थिति मामलो को आपसी सहमति से कार्यक्रम के माध्यम से निपटारा किया गया.ये सभी मामले 2001 से 2017 तक के है. जो श्रमिक कार्य में नहीं आते थे, उन्हें अनुपस्थित पाकर प्रबन्धन द्वारा बैठा दिया गया था. जिसके बाद श्रमिक अदालत में चले गए थे.

आज प्रबन्धन और यूनियन के प्रयास से इन मामलो को हल किया गया. जिसके तहत बैठाये गए श्रमिकों ने बिते वर्षों का बिना कोई मुआवजा लिए बिना शर्त वापस नौकरी में आने की स्वीकृति दी, जिसके बाद आज कार्यक्रम आयोजित कर उन्हें दोबारा नियुक्त किया गया. आज ईसीएल अंतर्गत बंकोला, सातग्राम, सलानपुर आदि एरिया के श्रमिकों का मामला निपटाया गया. इस वित्त वर्ष में आज को लेकर कुल 78 मामले इस तरह के निपटाये गए.

कार्यक्रम में मुख्य रूप से ईसीएल के निदेशक कार्मिक (डीपी), सहायक श्रमायुक्त (दुर्गापुर) पीके पजय, सहायक श्रमायुक्त (आसनसोल) एनसी कर, महाप्रबन्धक (पी एन्ड आईआर) आरके राउत, महाप्रबन्धक (लीगल एन आर) डॉ.हरीन्द्र किशोर, महाप्रबन्धक (ईई) श्रीमती आरपी बल्ला, श्रमिक संगठन एचएमएस के एचके पांडे, केएमसी के राकेश कुमार, केएमसी के आरके त्रिपाठी उपस्थित थे.

श्रमिक नेता एचके पांडे ने कहा कि अच्छे प्रबन्धन की यही पहचान है कि उनके क्षेत्र में समस्या कम से कम हो, ईसीएल में यह बदलाव अब देखने को मिल रहा है. उन्होंने बताया कि यहाँ आसपास के कम्पनियों में काफी समस्याए है, जिसके एवज में ईसीएल में कम है. हमलोगों का शुरू से प्रबन्धन के साथ मधुर सम्बन्ध रहा है, जिसके चलते श्रमिकों की समस्याओं का समाधान जल्द होता है. उन्होंने प्रबन्धन को संबोधित करते हुए कहा कि आपलोग श्रमिकों के सम्बन्ध में जब कभी बैठक करे तो यूनियन को अवश्य बैठक में शामिल करे, क्योंकि श्रमिकों की समस्याओं को यूनियन भली भाँती जनता और समझता है.

सहायक श्रमायुक्त श्री पजय ने कहा कि जब मैं पदभार ग्रहण किया था,उस समय ईसीएल के श्रमिक डिस्प्यूट का मामला 400 से अधिक था, जो वर्तमान में एक सौ के करीब पहुँच गया है,जो काफी सराहनीय है, लेकिन प्रबन्धन को प्रयासरत रहना चाहिए, ताकि ऐसे मामले शून्य स्तर पर पहुँच सके. उन्होंने कहा कि प्रबन्धन और यूनियन के बीच बेहतर तालमेल स्थापित करने की आवश्यकता है, जिससे श्रमिकों को और अधिक लाभ पहुँच सके.

श्री पजय ने कहा कि बहुत मामलो में देखा गया कि ऐसे छोटे छोटे मामले अदालत में पहुँच गए है, जो कोई मायने ही नहीं रखते है, ऐसा इसलिये हुआ कि प्रबन्धन-यूनियन और श्रमिक के बीच बेहतर तालमेल नहीं है. इसके अलावा ऐसी भी स्थिति देखि गई थी कि अदालत के तारीखों का श्रमिक को स्मरण नहीं होता था, जिसके कारण वे अनुपस्थित रहते थे और तारीख आगे बढ़ानी पड़ती थी. जिसे ध्यान में रखते हुए मैंने टेली कॉलिंग सिस्टम को ईजाद किया. आज श्रमिक दोबारा नियुक्ति पा रहे है, इसके लिए प्रबन्धन और यूनियन का धन्यवाद करता हूँ.

डीपी ने सभी श्रमिकों को बधाई देते हुए कहा कि आपको लोग अनुभवी है और अपलोगों की ईसीएल को आवश्यकता है, आईये हमसभी मिलकर ईसीएल को आगे बढ़ाने में अपना सहयोग करे. सहायक प्रबन्धक (लीगल) आशुतोष मौर्या एवं श्री टोप्पो ने कार्यक्रम को संचलित किया.

Last updated: नवम्बर 23rd, 2018 by News Desk