जामुड़िया :तृणमूल कॉंग्रेस से सम्बद्ध आईएनटीटीयूसी के बैनर तले बुधवार को जामुड़िया औद्योगिक क्षेत्र के विजय नगर स्थित श्याम सेल करखाना के समक्ष एक गेट मिटिंग का आयोजन किया गया। गेट मिटिंग के पश्चात करखाना प्रबंधन को आईएनटीटीयूसी प्रतिनिधियों द्वारा मांगों का एक ज्ञापन सौंपा गया।
इस गेट मिटिंग के दौरान पश्चिम बर्द्धमान जिला आईएनटीटीयूसी के चेयरमैन वी. शिवदास उर्फ दासु ने कहा कि जिस प्रकार से आए दिन करखाना प्रबंधन द्वारा श्रमिकों पर अत्याचार एवं शोषण किया जा रहा हैं उसे तृणमूल कॉंग्रेस की सरकार द्वारा किसी भी प्रकार से बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि करखाना प्रबंधन द्वारा स्थानीय लोगों को काम पर नहीं लेकर बाहर के लोग लाकर करखाना में काम करवाते है। श्रमिकों को जो वेतन पश्चिम बंगाल सरकार की ओर से निर्धारित किया गया है उस वेतन को करखाना के मालिक ना देकर काफी कम वेतन का भुगतान कर रहें है जबकि श्रमिकों से कड़ी मेहनत करवई जाती हैं।
उन्होंने कहा कि माकपा के शासन काल में जब भी कोई मिटिंग या जुलूस किया जाता था तब उस समय करखाना से सभी मजदूरों को उस मिटिंग या जुलूस में शामिल होना पडता था जिसके कारण करखाना प्रबंधन को काफी नुकसान होता था। तृणमूल कॉंग्रेस की सरकार आने के बाद कारखाना प्रबंधन को इस तरह की परेशानियों से निजात मिल गया है लेकिन बावजूद इसके कुछ कल करखानो के मालिक गुप्ता रूप से हमारे विरोधी दलों को समर्थन कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि कारखाना में काम करने वाले मजदूरों को सुरक्षा के लिए जो सामग्री की जरूरत होती है उसे उपलब्ध नहीं कराया जा रहा है जिसके कारण आए दिन दुर्घटनाएं हो रही हैं तथा श्रमिकों को अपनी जान गंवानी पड़ रही है।
गेट मिटिंग के दौरान सभी समस्याओं के निदान के लिए 15 दिनों की मोहल्लत करखाना के मालिक को दिया गया है। इस दौरान चेतावनी दिया गया कि अगर 15 दिनों के अंदर इन मांगों पर अमल नहीं किया तो श्रमिकों के हित को ध्यान में रखते हुए हमलोग बड़ी अंदोलन करने को बाध्य हो जायेंगे।
इस मौके पर तृणमूल कॉंग्रेस के जामुड़िया ब्लॉक दो अध्यक्ष मुकुल बनर्जी, जामुड़िया ब्लॉक एक अध्यक्ष साधन राय, विश्वनाथ सांगुई, चंचल बनर्जी, सिद्धार्थ राना, अभिजीत चक्रवर्ती, लाल्टू काजी, असित मंडल आदि मुख्य रूप से उपस्थित थे।
क्या इस चेतावनी के बाद मजदूरों को न्यूनतम मजदूरी मिलने लगेगी …..?
आसनसोल -दुर्गापुर सहित पूरे शिल्पाँचल के कई कारखानों में शामिकों को न्यूनतम मजदूरी से कम वेतन दिया जाता है यह कोई छिपी हुई बात नहीं है। मजदूर यूनियन कारखाने मालिक को चेतावनी देते रहते हैं यह भी कोई नई बात नहीं है । वाम जमाने से अब तक यही होता आया है लेकिन उसके बाद भी इन कारखानों में श्रमिकों को न्यूनतम मजदूरी नहीं दी जाती है । जबकि ऐसा करना अपराध है और इसके लिए सख्त सजा का प्रावधान है ।
संवाद सूत्र : सत्यनारायण सिंह , जामुड़िया