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पिरस्थान के खादिम विरोधियों को उच्च न्यायालय ले जाने की तैयारी में

शेर शाह बाबा का मजार, डीसेरगढ़

कुल्टी थाना अंतर्गत सांकतोड़ीया फांड़ी क्षेत्र स्थित डिसरगढ़ में शेर शाह बाबा का मजार है. जो काफी प्रचलित और प्रसिद्ध है. यहाँ राज्य समेत देश के कोने-कोने से श्रद्धालु अपनी मुरादे पूरी करने आते है. इस पीरस्थान की बहुत ख्याति है, इसलिए यहाँ प्रत्येक वर्ष लगने वाले उर्स में लाखों लोग शिरकत करते है. शेर शाह बाबा पर लोगों की बहुत आस्था है और प्रत्येक गुरुवार को लोग यहाँ मन्नते मांगने आते है. लेकिन मजार की सम्पत्ति और अधिकार को लेकर हमेशा ही यहाँ दो गुटों में अनबन देखि गई है. कुछ महीने पहले वक्फ बोर्ड द्वारा यहाँ नयी कमिटी बनाए जाने से मामला और भी तुल पकड़ लिया है.

पिरस्थान की संपति पर वाक्फ बोर्ड या दाता शाह बाबा के उत्तराधिकारियों की है, को लेकर गतिरोध जारी है. इसे लेकर कुछ भी होने की संभावना जताई जा रही है. पिरस्थान के खादिम इस मामले को लेकर विरोधियों को उच्च न्यायालय में घेरने की तैयारी में हैं. पीरस्थान को लेकर अक्सर विवाद उठता रहता है. इसे लेकर रविवार को वाक्फ समर्थकों द्वारा यहाँ वाक्फ बोर्ड का पट लगाये जाने की तैयारी को लेकर काफी उत्तेजना थी. लेकिन पुलिस-प्रशासन द्वारा मामला को छठ पूजा बाद पर फिलहाल टाल दिया गया.

इस प्रकरण में स्थानीय वरिष्ठ खादिम यासीन शाह ने कहा कि वे यहाँ करीब 40-45 सालों से खादिम हैं. उन्हें यह अपने पिता से विरासत में मिला है. वक्फ़ की संपति पूछने पर उन्होंने सीधे तौर पर खंडन किया. उनका कहना है कि यह संपति काशीपुर नरेश ने दान में दिया था, तो वाक्फ कैसे हो सकता है. कुछ लोग रविवार को वाक्फ बोर्ड का पट लगाने वाले थे, ये पूछने पर उन्होंने बताया कि जो लोफ्ग यहाँ पट लगाने वाले थे उन्हें उचित खुराक संबंधित जगहों से मिल गई है. उन्होंने कहा कि योजना बन गई है, अगर वे लोग नहीं माने तो हमलोग बोर्ड किसी भी तरह से नहीं लगाने देंगे, जबरदस्ती करेंगे तो यहाँ की महिलायें भी कमर कसकर तैयार हैं.

पिता से विरासत में मिली 20 वर्षों से खादिम का कार्य कर रहे अजीम शाह ने बताया कि यहाँ की संपति हमें पूर्वजों से विरासत में मिली है. काशीपुर नरेश ने हभारे पूर्वज धन्ना शाह, समीर शाह, बंगाल शाह को दान में दी थी. काशीपुर नरेश की 1819 की डीड हमारे पास है, अगर 1819 की उस डीड में काशीपुर नरेश ने वक्फ किया है, तो वाक्फ की रट लगाने वाले प्रमाणित कर दिखायें. उन्होंने कहा कि अगर वे जबरन वक्फ बोर्ड का पट लगाना चाहेंगे तो हम सब कुछ भी कर सकते हैं. दोनों खादिम ने बताया कि हमारे मोहल्ले के कुछ लोगों की मदद से कुछ बाहरी तत्व यह खेल खेल रहे हैं, ताकि हमारे बीच फुट उत्पन्न कर फायदा उठाया जा सकें,

जबकि मोहल्ले के कुछ लोगों द्वारा वक्फ मामले में बाहरी तत्वों को समर्थन किये जाने के बारे में बताया कि वे लोग बाहरी तत्वों को इसलिए समर्थन कर रहे हैं ताकि वे यहाँ के खादिम बन सकें, जबकि वे यहाँ रह जरूर रहे हैं और उन्हें घर बनाने या दुकान बनाने से भी किसी ने भी नहीं रोका है. बड़े ही आराम से हैं वे, पर ये सच है कि वे यहाँ के वारिशों के वंशजों में से नहीं हैं. किसी ना किसी के संबंधों में से हैं. कहा कि वैसे हमारा मोहल्ले के उन अपनों से कोई शिकायत नहीं है. इस प्रकरण में यहाँ की महिलाओं का कहना है कि हम सभी महिलाओं का मोर्चा तैयार है. पहले तो उन्हें हमलोगों से निपटना होगा, देखगें कैसे आते हैं लोग. हालांकि इसे लेकर उच्च न्यायालय में घेरने की तैयारी चल रही है.

Last updated: अक्टूबर 22nd, 2018 by News Desk