धनबाद महिला सिपाही के गर्भपात मामले में सर्जेंट मेजर को दोषी पाया गया है। उनके खिलाफ विभागीय कार्यवाही भी शुरू हो गई है। यह जानकारी मंगलवार 26 अप्रैल को एसएसपी संजीव कुमार ने दी। उन्होंने कहा कि ग्रामीण एसपी की जाँच रिपोर्ट मिल गई है, रिपोर्ट के अनुसार पुलिस लाइन में पदस्थापित सार्जेंट मेजर अरुण किशन महिला आरक्षी के गर्भपात मामले में दोषी पाये गए हैं, विभागीय कार्यवाही के बाद आगे कड़ी कार्यवाही भी हो सकती है।
बार-बार ठुकराया गया महिला सिपाही का अनुरोध
ज्ञातव्य है कि बाघमारा महिला थाना में स्थापित महिला आरक्षी सुनीता देवी तीन माह की गर्भवती थी। डॉक्टर ने उन्हें आराम करने की सलाह दी थी, महिला सिपाही ने सार्जेंट मेजर अरुण किशन से लाइन क्लोज करने का अनुरोध किया, ऐसा होने से उन्हें डॉक्टर की सलाह के अनुसार आराम का अवसर मिल सकता था. परंतु सार्जेंट मेजर ने महिला सिपाही का अनुरोध स्वीकार नहीं किया, महिला आरक्षी ग्रामीण एसपी के पास गई, ग्रामीण एसपी ने लाइन क्लोज की अनुमति दे दी, परंतु सार्जेंट मेजर ने ग्रामीण एसपी की मंजूरी को भी अनसुना कर दिया, इसी बीच महिला सिपाही का गर्भपात हो गया।
ग्रामीण एसपी मिला था जाँच का जिम्मा
महिला सिपाही की शिकायत पर एसएसपी ने ग्रामीण एसपी को जाँच का जिम्मा सौंपा. ग्रामीण एसपी रेशमा रमेशन ने जाँच रिपोर्ट एसएसपी संजीव कुमार को सौंप दी है। पुलिस मेंस एसोसिएशन ने भी मामले को गंभीरता से लिया था। विगत 23 अप्रैल को एसोसिएशन की बैठक हुई। बैठक में एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष राकेश पांडे ने मामले को दुर्भाग्यपूर्ण बताया। उन्होंने सार्जेंट मेजर पर कार्यवाही की मांग की थी। उन्होंने डीजीपी और एसएसपी से भी मुलाकात की ओर कार्यवाही की मांग की।