निरंतर दो घटनाओं के बाद भी सचेत नहीं हुआ सीआईएसएफ़
कल्याणेश्वरी । मैथन डैम की चाक-चौबन्द सुरक्षा के लेकर पूरा इलाका को किले में तब्दील कर दिया गया है, चारों और सीआईएसएफ की जवानों की 24 घंटे निगरानी रहती है । अलबत्ता रात के 10 बजते ही डैम के ऊपर से आवागमन पर पूर्ण रोक लगा दी जाती है ।
ऐसे सुरक्षा के बावजूद भी निरंतर दो युवकों का डैम में छलांग लगा देना सीआईएसऍफ़ की सक्रियता पर सवाल खड़ी कर देती है । विगत लगभग एक माह पूर्व ही मैथन डायिक एरिया के एक युवक ने डैम में छलांग लगाकर आत्महत्या कर ली थी । जिससे आक्रोशित परिजनों ने डैम मार्ग को अवरुद्ध करते हुए डैम की किनारों पर जाली लगाने की मांग की थी।
डीवीसी प्रबंधन द्वारा सकारात्मक पहल करने की आश्वासन के बात परिजन शांत हुए थे । हालाँकि एक माह से भी अधिक समय बीत जाने के बाद भी जाली नहीं लगायी जा सकी । फलस्वरूप पुनः एक युवक ने यहाँ छलांग लगा दी, प्रत्यक्षदर्शियों की माने तो चन्दन कुमार डैम में छलांग लगाने के पूर्व वस्त्र और जूते उतारे साथ ही वीडियो कॉलिंग किया यानि की इतना समय में चन्दन को बचाया जा सकता था । किन्तु ड्यूटी पर तैनाती का राग अलापने वाली सीआईएसएफ एक बार फिर असफल रही है । स्थानीय की माने तो यदि यहाँ कोई इतनी आसानी से आत्महत्या कर सकता है, तो सुरक्षा में चुक की वजह से कोई बड़ा हादसा भी हो सकता है ।