लोयाबाद कोरोना को हराने वाले लोयाबाद एसबीआई शाखा प्रबंधक कुणाल नमबेटिया कोरोना से तो जंग जीत गए, पर समाज के उपेक्षित रवैये ने उन्हें झिंझोर कर रख दिया है। उन्होंने ने बताया कि माँ का रिपोर्ट भी पॉजिटिव था, लाख कोशिश के बावजूद माँ को बचाया नहीं जा सका। माँ को खोने का गम तो बहुत है।
पड़ोस के लोगों ने छुआछूत जैसा बर्ताव किया
समाज ने माँ के निधन पर जो जख्म दिया है। उस जख्म को भरना पाना शायद मुश्किल है। कहा आज भी पड़ोस के लोग छुआछूत जैसा बर्ताव कर रहे हैं। प्रबंधक कुणाल की माने तो, माँ के अर्थी को कंधा देने वाला कोई नहीं था,मैं पॉजिटिव था,इलाजरत के बावजूद अपने तीन रीश्तेदारों की मदद से अर्थी को उठाकर गाड़ी पर रखकर ले गये।और अंतिम संस्कार का काम पूरा किया।
अपनी दास्तां बताते हुए कई बार भावुक हुए कुणाल
प्रबंधक कुणाल करीब 25 रोज बाद मंगलवार को फिर से बैंक आये थे,उन्हें घर में मन्न नहीं लग रहा था, बैंक का हालचाल भी जानने की उनके मन्न में उत्सुकता थी, उन्होंने ने अपनी दास्तां बताते हुए कई बार भावुक भी हुए। कहा मेरे जैसे शख्स का जब ये हाल है तो उन गरीबों का क्या होता होगा जिनके पास कुछ भी नहीं है।