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वर्षों पुरानी हिन्दी मीडियम स्कूल सरकार की अनदेखी से अभाव झेल रही है – राम कुमार

फ़ाइल फोटो

भारत के प्रथम राष्ट्रपति देशरत्न डॉ० राजेंद्र प्रसाद का 134 वां जन्मदिवस सोमवार को रानीसायर मोड़ स्थित राजेंद्र विद्यापीठ के प्रांगण में विद्यालय कमिटी द्वारा मनाई गई। इस अवसर पर राजेंद्र प्रसाद के आवच मूर्ति पर माल्यार्पण कर श्रद्धा जताई। विद्यालय कमेटी के अध्यक्ष राम कुमार सिंह, मुंशी गोसाई, शिक्षक जोगिंदर तिवारी ने राजेंद्र प्रसाद की जीवनी पर प्रकाश डाला। साथ ही विद्यालय की स्थिति के बारे में भी जानकारी दिया।

राम कुमार सिंह ने बताया भारत के प्रथम राष्ट्रपति डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद के 100वां जयंती के अवसर पर वर्ष 1984 में इस विद्यालय की स्थापना तत्कालीन सांसद हराधन राय के द्वारा की गई थी, एवं इस अंचल में एकमात्र यही एक हिंदी विद्यालय थी। जहाँ इस अंचल के हिंदी भाषी छात्र-छात्राएं पढ़ने आते थे। वामफ्रंट के कार्यकाल में ही वर्ष 2000 में रानीसायर में इस विद्यालय के समानांतर एक और अन्य विद्यालय रानीसायर जूनियर हाई स्कूल खोल दिया गया।

जबकि इस स्कूल के पास अपना भवन तथा विद्यालय के सभी इंफ्राष्ट्रक्चर रहने के बावजूद भी इस विद्यालय को मंजूरी प्रदान नहीं कि गई। इस विद्यालय के शिक्षक एवं प्रबंधकीय कमेटी ने विद्यालय के सरकार द्वारा मंजूरी के लिए हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया, पर आर्थिक कमी के कारण यह मामला चला पाना संभव नहीं हो पा रहा है। वर्तमान में स्कूल बंद है एवं यहाँ पर कार्यरत शिक्षक भी आर्थिक अभाव के कारण दूसरे स्थान पर चले गए हैं।

सिर्फ 2 शिक्षक जोगिंदर तिवारी तथा केके सिंह ही फिलहाल इस विद्यालय से जुड़े हुए हैं। उन्होंने कहा बड़ा दुःखद विषय है कि भारत के प्रथम राष्ट्रपति के नाम से इस विद्यालय की इतनी दूर अवस्था है। 4 वर्ष पूर्व डॉ० राजेंद्र प्रसाद का एक आवृछ मूर्ति बनारस से लाकर यहाँ पर स्थापित करने का निर्णय लिया गया था, पर आज तक यह मूर्ति स्थापित करने में हम सक्षम नहीं है। उन्होंने कहा विद्यालय की हाल बदहाल स्थिति में है एवं विद्यालय दोबारा चालू हो इसके लिए हम सब प्रयासरत हैं।

Last updated: दिसम्बर 3rd, 2018 by Raniganj correspondent