बासदेवपुर कंपनी बंद कर नियोजन की आड़ में केवल रंगदारी चाहिए-जीएम संजय उद्योग
लोयाबाद। एक ही दिन तीन दल ने बुधवार को बासदेवपुर कोलियरी में संचालित आउटसोर्सिंग कम्पनी संजय उद्योग का अनिश्चितकालीन चक्का जाम किया। आजसु पार्टी, कॉंग्रेस एवं संयुक्त ग्रामीण मोर्चा शामिल हैं। तीनों अपनी मांग को लेकर बासदेवपुर कोलियरी कार्यालय के समीप एक दिवसीय धरना देकर प्रबन्धन को कम्पनी बन्द करने की चेतावनी दे चुकी थी। तीनों ने एक ही दिन 22 जनवरी को कम्पनी का चक्का जाम करने का अल्टीमेटम दे रखा था।
बुधवार को करीब 11 बजे तीनों दल के समर्थक एक साथ कम्पनी के खिलाफ नारेबाज़ी करते हुए कार्यस्थल पहुँचे और कम्पनी का काम बन्द करा दियाऔर वहीं धरने पर बैठ गए। फिलहाल तीनों दल एक ही पंडाल में बैठकर आंदोलन को धारदार बनाने की कोशिश में लगे हुए है।
तीनों दल नियोजन सहित अन्य मांगों को लेकर संबंधित अधिकारियों सहित ज़िला प्रशासन को पहले ही पत्र प्रेषित कर चुकी है। आंदोनकारियो के पहुँचने के बाद से कम्पनी काम बन्द है। देर शाम तक दोनों के बीच कोई वार्ता समझौता का प्रयास नहीं हो सका।
आजसु की अगुवाई नगर अध्यक्ष जीतू पासवान कर रहे थे। कॉंग्रेस के तरफ से वरिष्ठ नेता असलम मंसूरी एवं संयुक्त ग्रामीन मोर्चा के अध्यक्ष भगीरथ रवानी मोर्चा संभाले हुए है। तीनों पार्टियों की एक ही मांग है स्थानीय को आउटसोर्सिंग कंपनी में नियोजन । अब देखना यह है कि यह तीनों पार्टियों के अनिश्चितकालीन धरना से कंपनी पर क्या असर पड़ता है और कंपनी इनके मांगों को क्या विचार करती है। गुरुवार को आंदोनकरियो से वार्ता किया जाता है या नही।
इस अनिश्चित कालीन धरना पर आजसु के धनबाद नगर अध्यक्ष जित्तू पासवान, राजकुमार रजवार, अमर पासवान ,इजराइल अंसारी, महिला नेत्री मीना देवी, सुदामा पासवान ,संतोष पासवान, संतोष महतो, दीपू विश्वकर्मा ,अमित रवानी ,सूरज पासवान ,अमित रावत ,जित्तू मुखिया, अशोक ,सुभाष महतो, करण महतो, पुनीत सिंह, दीपक रवानी ,राजू रवानी ,मदन रवानी मदन मल्लाह, पप्पू माथा, कृष्णा कुमार, दिलीप कुमार, अनिल रवानी रोहित राजवंशी अमर पासवान पप्पू पासवान आदि शामिल थे।
बीसीसीएल एवं प्रशासन से हस्तक्षेप की मांग
कम्पनी ने आरोप लगाया है कि तीनों दल नियोजन की आड़ में रंगदारी मांग रहे है। हमने नियोजन कम्पनी के क्षमता के अनुसार स्थानीय को दे दिया है। संजय उद्योग आउटसोर्सिंग कम्पनी के जीएम रवि चलाना ने कहा कि कम्पनी बन्द करने वालों को नियोजन के आड़ में केवल रंगदारी चाहिए।कम्पनी के पास जितनी जगह थी। उसमें ग्वाला पट्टी सहित स्थानीय लोगों को नियोजन दे दिया गया है।बीसीसीएल व प्रशासन कदम उठाए।
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