धनबाद/ बाघमारा। प्रखंड की रेंगनी पंचायत के बांसमुड़ी गाँव की रहनेवाली संगीता ने साल 2018-19 में अंडर 17 में भूटान और थाईलैंड में हुए अंतर्राष्ट्रीय स्तर के फुटबॉल चैंपियन में खेला था और झारखंड का मान बढ़ाया था। संगीता ने जीत के साथ ब्रॉन्ज मेडल हासिल किया था।
संगीता के पिता ने कहा कि उन्हें उमीद थी कि उसकी बेटी फुटबॉल की अच्छी खिलाड़ी है तो सरकार कोई नौकरी देगी।लेकिन कुछ नहीं मिला है। ईँट भट्ठा में उसकी बेटी को काम करना पड़ रहा है। यहाँ के विधायक मथुरा महतो ने भी कोई मदद नहीं कि है। संगीता कहती हैं कि परिवार को देखना भी जरूरी है, इसलिए ईंट भट्ठा में दिहाड़ी मजदूरी करती हूँ। किसी तरह घर का गुजर बसर चल रहा है। इन सभी कठिनाइयों के बावजूद संगीता अपनी फुटबॉल की प्रैक्टिस नहीं छोड़ती हैं। सुबह साढ़े 6 बजे उठकर प्रतिदिन वह मैदान में प्रैक्टिस करती हैं।
संगीता ने चार महीने पहले सीएम हेमंत सोरेन को ट्वीट कर मदद मांगी थी, जिसपर सीएम ने खुद संज्ञान लेते हुए मदद का आश्वासन दिया था, लेकिन अब तक संगीता को किसी भी प्रकार की कोई मदद नहीं मिली है।
सही सम्मान नहीं मिलने के कारण ही यहाँ के खिलाड़ी दूसरे प्रदेशों से खेलने चले जाते हैं। हर खिलाड़ी को अच्छा भोजन, प्रैक्टिस की जरूरत है। लेकिन यहाँ की सरकार खिलाड़ियों के प्रति गम्भीर नहीं है।