आगामी 29 एवं 30 दिसंबर को स्वामी ओमकारनाथ ठाकुर के परम शिष्य स्वामी भुवानंद जी महाराज का सौ वाँ वर्षगांठ समारोह का आयोजन को लेकर सनातन संगम द्वारा बैठक के दौरान प्रवक्ता रवीद्र भाटिया ने बताया कि वर्षगांठ समारोह में धर्म सभा के साथ-साथ समालोचना, भजन-कीर्तन के साथ ही एक साधु सम्मेलन का आयोजन किया गया है। जिसमें देश के कोने-कोने से साधु संत शामिल रहेंगे। हिंदू धर्म की रक्षा और प्रचार-प्रसार इसका मुख्य उद्देश्य है।
बैठक में स्वामी निमाई दास ने बताया कि स्वामी भूमानंद जी महाराज एक सरल और साधु व्यक्तित्व के थे, उन्होंने सारा जीवन शिक्षा के क्षेत्र को महत्त्व दिया। वह प्रेसिडेंसी कॉलेज, बर्द्धमान कॉलेज,बर्द्धमान विश्वविद्यालय में एक अंग्रेजी के अध्यापक होते हुए भी वह अपने देश की संस्कृति व सभ्यता को महत्त्व देते थे। उन पर कभी अंग्रेजियत नहीं देखा। शिक्षाविद विश्वनाथ सराफ ने कहा कि मैंने उन्हें देखा है, उनको करीब से समझा है,
वह एक ऐसे सरल व्यक्ति थे,जिनके अंदर ऊर्जा कूट-कूट कर भरी थी, लेकिन वह साधारण लोगों के साथ ही रहते थे, जब वह अवकाश ग्रहण करने लगे तो अपने अनुयायियों को कहा कि अपने बच्चों को हमारे पास भेजा करो। मैं उन्हें शिक्षा दूंगा और आज उन्हीं के पथ मार्ग पर सनातन संगम गुरुकुल शिक्षा सदन के नाम से स्कूल चला रही है, जो इस क्षेत्र के सबसे महत्त्वपूर्ण स्कूलों में से एक है।