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रामजी चले ना हनुमान के बिना…गीत में झूमते रहे श्रद्धालु

कार्यक्रम का उद्घाटन करते तृणमूल नेता बुढा खान व एएसआई

सलानपुर -रामनवमी पर कल्याणेश्वरी क्षेत्र के मंदिरों में रविवार को सांप्रदायिक सोहार्द के बीच राम जयघोष का समापन हुआ, माँ कल्याणेश्वरी प्रांगन स्थित श्री श्री पंचमुखी महाकाल संकट मोचन मंदिर में अखण्ड रामधुन के साथ जागरण पर श्रोता पूरी रात झूमती रही, कर्यक्रम का उद्घाटन तृणमूल नेता बूढ़ा खान, तथा चोरंगी फांड़ी के एएसआई श्यामल कुमार चटर्जी ने संयुक्त रूप से किया| आयोजक मंडली ने अतिथियों का स्वगत बुके देकर किया, जिसके बाद आसनसोल से आये श्याम सुन्दर कीर्तन मंडली के गायिका स्वेता कुमारी ने दुनिया चले ना श्री राम के बिना..राम जी चले ना हनुमान के बिना…..वही प्रकाश पाण्डेय….जय हनुमान ज्ञान  गुण सागर….आदि भजनों से श्रोता मग्न मुग्ध हो गए…जिसके बाद भजन गायक रोहित शर्मा, कमलेश प्रसाद, विक्रम शर्मा ने पूरी रात भजनों की बरसात कर दी,।

बूढ़ा खान की सराहनीय योगदान रही

मंदिर के सेवक शंकर खेपा ने कहा कि आज के आयोजन में बूढ़ा खान की सराहनीय योगदान रही है, एक भाषा में कहा जाये तो यहाँ आज रामनवमी पर हिन्दू- मुस्लिम की सौहार्द कायम हुई है, उन्होंने बताया कि बूढ़ा खान द्वारा जल्द ही इस मंदिर का जीर्णोद्वार किया जायेगा, ताकि कल्याणेश्वरी के बीचो बीच इस मंदिर की भव्य काया कल्प हो सके| दूसरी ओर बूढ़ा खान ने कहा मानवता का धर्म सबसे ऊपर है, इन्सान को जहाँ प्यार मिले वहाँ जाने में कैसी संकोच, मेरा मानना है कि सभी धर्म, त्यौहार, उत्सव को एक साथ मिल जुलकर मानाने में जो आनंद है वो अकेले में नहीं हो सकता, दूसरी ओर मैथन डैम शांति निवास स्थित हनुमान मंदिर में राम धुन के साथ कीर्तन मंडली द्वारा जागरण का आयोजन किया गया, भारी संख्या में श्रद्धालु यहाँ भाव विभोर होकर कार्यक्रम का आनंद उठाये, जिसके बाद महाभोज खिचड़ी का वितरण किया गया,

प्रसाद बनाने वाली बर्तन भेंट किया

कार्यक्रम में पहुँचे तृणमूल नेता द्वारा मंदिर कमेटी को प्रसाद बनाने वाली बर्तन भेंट किया गया, साथ ही उन्होंने कहा कि मंदिर के दोनों छोर पर दो कमरों का विस्तार बहुत ही जल्द कराया जायेगा. मंदिर की सामग्री, तथा पुजारी विश्राम को यहाँ काफी असुविधा होती थी, अलबत्ता मंदिर कमेटी के सहयोग से जल्द ही निर्माण कार्य कराया जायेगा| मौके पर रतन पान, राजा खान, आकाश कुमार, अचिंतो मल्लिक, गोविन्द प्रसाद, विजय सिंह, बिशाल साव, सूरज चौहान, नरेश ठाकुर,वही दूसरी और पप्पू राय, धर्मेन्द्र राय, धरम सेन, झन्टू देवनाथ, मोहन मिर्धा, एकादशी तुरी, सावित्री तुरी समेत दर्जनों की सराहनीय भूमिका रही|

Last updated: मार्च 26th, 2018 by kajal Mitra