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आसनसोल मंडल के रेल कर्मचारी ने प्राप्त किया साहित्य अकादमी पुरस्कार

पुरस्कार देते डीआरएम, असनसोल

साहित्य अकादमी पुरस्कार भारत में एक बहुत ही सम्मानजनक पुरस्कार है, जिसे साहित्य अकादमी, भारत का राष्ट्रीय अकादमी द्वारा वर्ष में एक बार उन लेखकों को दिया जाता है, जो भारत के चौबिस मुख्य भाषाओं में से किसी एक पर उत्कृष्ट कार्य करते हैं। श्याम बेसरा “जिवारिक” ने हिंदी साहित्य में एम.ए (बी.यु) को पूरा करने के बाद 1987 में संथाली साहित्य परिषद, दुमका से संथाली में “अकिलमान” (एम.ए) किया एवं 1991 में अम्बाला कैंट, हरियाणा से “कहानी कला” के पश्चात

पूर्व रेलवे आसनसोल मंडल में मुख्य टिकट निरीक्षक के रूप में कार्य कर रहे हैं, को इस वर्ष संथाली में उनके उपन्यास “मरोम” के लिए जो कि मुख्य रूप से संथाल परगना अंचल के राष्ट्रीय, सामाजिक, आर्थिक एवं राजनैतिक स्थितियों तथा आजादी के बाद इस क्षेत्र के दो मुख्य औद्योगिक विकास अर्थात दुमका का मैसनजोर बांध तथा चित्तरंजन के रेल इंजन कारखाना के परिस्थितियों पर आधारित है, के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। यह भी उल्लेखनीय योग्य है कि उनके दो अन्य साहित्यिक कृति अर्थात “दुलार खातिर” तथा “दामिन रिया (उदास) कहानी को”,

दोनों ही कहानी संग्रह सिधु कान्हु विश्वविद्यालय में स्नात्कोत्तर पाठ्यक्रम के हिस्सा हैं। श्री बेसरा को इससे पहले भी राज्य स्तर पर कई पुरस्कार तथा वर्ष 1992 में भारतीय दलित साहित्य अकादमी द्वारा डॉ. अम्बेडकर फेलोसीप प्राप्त हो चुका है।29 जनवरी, 2019 को साहित्य अकादमी के द्वारा आयोजित फेस्टीवल ऑफ लेटर के दौरान एक विशेष कार्यक्रम में उत्कीर्णित ताम्ब्र फलक, शाल एवं एक लाख रूपयों के चेक के साथ एक मंजूषा के रूप में साहित्य अकादमी पुरस्कार को इन पुस्तकों के लेखक को दिया जाएगा। पी.के.मिश्रा मंडल रेल प्रबंधक, आसनसोल ने गुरुवार को डीआरएम कार्यालय में एक कार्यक्रम के दौरान श्री बेसरा को सम्मानित किया तथा उनके जीवन में हर तरह की सफलता के लिए कामना किया।

Last updated: दिसम्बर 6th, 2018 by News Desk