बर्खास्त चिरेका आरपीएफ जवान ने युवक पर ताना बंदूक, हुआ गिरफ्तार, मनमाना रवैये से परेशान लोग
चित्तरंजन। चित्तरंजन रेल नगरी में आए दिन नित नई घटनाओं ने शहर को अशांत कर रखा है। कभी आपराधिक घटनाएं तो कभी खूनी संघर्ष। इसी तरह एक और मामला सुर्खियाँ बटोर रहा है ।
चित्तरंजन रेल नगरी में विगत कुछ वर्षों से अपने दबंगई से सुर्खियों में रहे आरपीएफ जवान पंकज कुमार विभागीय कार्यवाही और बर्खास्तगी के बाद भी क्षेत्र में अपनी बाहुबली की भूमिका को लेकर एक बार फिर चर्चा में है। इतना ही नहीं निरंतर मनमानी , गुंडागर्दी और स्थानीय युवक पर बंदूक तानने के मामले में उन्हें चित्तरंजन पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार शुक्रवार की देर रात आरपीएफ कॉन्स्टेबल पद से अनुशासनहीनता के आरोप में बर्खास्त जवान पंकज कुमार मंडल पर स्थानीय युवक कुणाल सिंह ने कनपटी पर बंदूक तानकर सोने की चेन छीनने और मारपीट करने का आरोप लगाया है।
मामले को लेकर कुणाल सिंह ने बताया कि रात करीब 9.30 31 नंम्बर स्ट्रीट कीचड़ में फंसे एक चार पहिया वाहन (WB38AP3921) जिसमें राहुल सिंह, सोनू यादव, मुकेश यादव और आरोपी पंकज कुमार कुल चार लोग सवार थे। गाड़ी को फँसा देख वे सहायता के लिए पहुँचे लेकिन गाड़ी में सवार पंकज कुमार और उनके साथी ने आरोप के मुताबिक गाली गलौज करना शुरू कर दिया और गोली मारने की धमकी दी। कुणाल सिंह ने बताया कि अचानक इसी बीच पंकज कुमार ने पीछे से मेरी कनपटी पर बन्दूक लगा कर गले से तीन भरी सोने की चेन छीन लिया।
इसी क्रम में कुणाल सिंह बर्खास्त आरपीएफ जवान पंकज कुमार को चकमा देकर उनके हाथ से बंदूक छीनकर सीधा चित्तरंजन थाना जा पहुँचे और पुलिस को बंदूक सौंपा दिया । घटना के बाद कुणाल सिंह ने पंकज कुमार समेत तीन अन्य के खिलाफ मामला दर्ज कराया ।
इस घटना की जानकारी मिलते ही स्थानीय लोग उग्र हो गए और आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग करने लगे। पुलिस ने स्थानीय लोगों की सहायता से पंकज कुमार को गिरफ्तार कर लिया। मामले को लेकर स्थानीय लोग चित्तरंजन थाना के सामने ही प्रदर्शन पर बैठ गए।
पहले भी इस पर आपराधिक मामले दर्ज हो चुके हैं ?
पंकज कुमार को लेकर बताया जाता है कि वे पहले भी कई मामलों में विवादित राह चुका है । अपने ही सहकर्मी आरपीएफ से मारपीट कर उन्हें घायल करने तथा अनुशासनहीनता के आरोप में उसे बर्खास्त किया गया है। निलंबन के बाद भी अपनी दबंगई से पंकज कुमार बाज नहीं आया। 9 मई 2019 में एक सिविल ठेकेदार दीपंकर गोलदार पर जानलेवा कर उन्हें घायल कर दिया था, जिस मामले में भी उसपर रंगदारी और मारपीट का मामला दर्ज किया गया था।
स्थानीय लोगों का कहना है कि इतने लंबे समय के निलंबन के बावजूद भी वह चित्तरंजन रेल नगरी में कैसे रह रहा है और उन्हें आवास कैसे उपलब्ध है, उसके पास निलंबन के बाद बंदूक कहाँ से उपलब्ध हुआ ? फिलहाल चित्तरंजन पुलिस पूरे मामले की छानबीन कर बाकी अन्य आरोपियों को भी तलाश कर रही है। आरोपी पंकज कुमार को पुलिस रिमांड लेने की भी कवायद शुरू कर दी है।
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