लोयाबाद। कनकनी कोलियरी में संचालित आउटसोर्सिंग कम्पनी राम अवतार का काम एक बार फिर रविवार को ग्रामीण रयतो ने विरोध कर बन्द करा दिया। ग्रामीण रैयत अपनी जमीन पर ओबीआर डंपिंग और ट्रेंच कटिंग का विरोध कर रहे थे। शनिवार को भी इन रयतो ने ओबीआर डम्पिंग का विरोध करते हुए काम रोका था, तब रैयत आपस में ही भीड़ गए थे। रयतो के दोनों गुटों के तरफ से पुलिस से शिकायत भी पड़ी है।हालांकि कांड अंकित नहीं हुआ है।रविवार को करीब दर्जन भर रैयत फिर सेन्द्रा मौजा पहुँचे और आउटसोर्सिंग कम्पनी द्वारा ओबीआर डम्पिंग और दूसरे जगह से खुदाई करने का विरोध शुरू कर दिया।
बीसीसीएल और कम्पनी प्रबन्धन के ख़िलाफ़ नारेबाजी करने लगे। रयतो के विरोध के बाद कम्पनी काम तत्काल बन्द कर दिया। काम बन्द होने के बाद रैयत वहीं अपनी जमीन पर जमे हुए है।उन्हें डर है कि यहाँ से जाने के बाद उनकी जमीन का इस्तेमाल दोबारा शुरू हो जाएगा। रयतो ने कहा कि यहाँ 18 एकड़ जमीन है। पिछले बार की कम्पनी द्वारा हमारा तालाब नष्ट कर दिया गया। तालाब से मछली पालन होती थी,सबकी जीविका किसानी था। लेकिन जमीन बर्बाद कर जीविका छीन ली गई।इस बार भी नई कम्पनी द्वारा भी हमारी जमीनें बर्बाद किया जा रहा है। हम चुप नहीं रह सकते,खून बहे या जान चली जाए,हम अपनी जमीन पर काम नहीं होने देंगे।
हमें आउटसोर्सिंग कम्पनी से कोई लेना देना नहीं है।मेरी जमीन के बदले बीसीसीएल नौकरी मुआवजा दे दे फिर काम करे।कहा कि 18 एकड़ में से करीब 5 एकड़ जमीन का मामला कोर्ट में भी चल रहा है और जबरन काम भी किया जा रहा है।हालांकि बीसीसीएल प्रबन्धन की दलील है कि जिस जमीन पर ओबीआर डंप किया जा रहा है वह जमीन बीसीसीएल की है।
विरोध करने वाले रैयत विनोद महतो, दिलिप कुमार, रोहीत रवानी, रमेश रवानी, देबु रवानी, राजेन्द्र महतो, भुकिया देवी,रौशनी देवी,मुंदरी देवी,अनिता देवी,निर्मला देवी, सुकुम देवी, निरुपा देवी,मिना देवी, जगदीश महतो आदि मौजूद थें।
कम्पनी ने ओबीआर डंपिंग की जगह बदली।
लगातार तीसरे दिन विरोध के बाद फिलहाल कम्पनी ओबीआर डम्पिंग की जगह बदल ली है। इस समय जोगता मौजा में उखन्न और ओबीआर डंपिंग शुरू किया गया है। लेकिन यह जगह ज्यादा दिनों तक चलना मुश्किल है। रयतो ने कहा कि हमारी जामिनो का इस्तेमाल से पहले हमें नौकरी और मुआवजा देदे फिर काम करे। हालांकि शाम में सभी 27 रयतो को कनकनी प्रबन्धन द्वारा एक पत्र जारी कर वार्ता के लिए बुलाया गया है।
वर्जन
शनिवार को रैयतों को वार्ता के लिए बुलाया गया था। वे लोग वार्ता करने के लिए नहीं आए। सेंद्रा मौजा की जमीन का मामला न्यायालय में लंबित है। रिकॉर्ड के मुताबिक जमीन बीसीसीएल की है। रैयतों को फिर वार्ता के लिए बुलाया जाएगा। वीके झा परियोजना पदाधिकारी कनकनी कोलियरी।