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रूपेश यादव को सताने लगा नए ड्राइवर का डर

रविवार (11फरवरी 2018) को तृणमूल अंडाल ब्लॉक का कर्मी सम्मेलन सम्मेलन सम्पन्न हुआ। काफी विशाल और भव्य तरीके से सम्मेलन सम्पन्न हुआ । भारी भीड़ देखकर गदगद हो गए सभी  अतिथि पर उन्ही अतिथियों में एक ऐसे अतिथि भी थे जिन्हें नए ड्राइवर का डर सता रहा था । वे थे तो मंच पर आसीन पर कुछ बेचैन से थे। कुछ कहना चाह रहे थे , पर कह नहीं पा रहे। थे नजरें किसी  को ढूंढ रही थी  शायद।

सभी अतिथि और वक्ताओं ने अपनी अपनी बात कही । और फिर बारी आई उनकी । जी हाँ बात हो रही रहे अंडाल क्षेत्र के पश्चिम बर्धमान जिला परिषद विद्युत विभागाध्यक्ष रूपेश यादव  की। जब उनसे वक्तव्य रखने का आग्रह किया गया तो मंच पर आए । उन्ही बातों को दुहराया जिसे उनसे पूर्व के वक्ता बोल गए थे। कुछ और कहना चाह रहे थे पर कह नहीं पा रहे थे। फिर अचानक उनकी बांछे खिल गयी । सामने से आ रहे थे पश्चिम बर्धमान तृणमूल जिलाध्यक्ष शिवदासन दासु । उन्हें आता देख पूरा मंच हड़बड़ा गया सभी उठ खड़े हुये । मंच का संचालन कर रहे अंडाल ग्राम पंचायत के प्रधान चिरंजीवी राय ने मंच के सामने बैठे आदिवासी नृत्य मंडली को इशारा किया। मंच के सामने नृत्य का स्थान नहीं था फिर भी मंडली के ढ़ोल और तबला बजाने वाले कलाकार तुरंत हरकत में आ गए और ढोल बजाना शुरू कर दिया । ठीक उसी प्रकार जैसा कि टीवी पर देखा होगा कि जब महाराज राजमहल में पधार रहे होते हैं । हालांकि राजनीति में चतुर शिवदासन दासु ने ढोलक बजाने वाले को हाथ जोड़कर मना किया । बाद में अपने सम्बोधन भाषण में उन्होने इस तरह की चापलूसी प्रवृति से बाज आने की हिदायत दे डाली । उन्होने कहा कि मुख्य मंत्री ममता बनर्जी का सख्त निर्देश है कि ममता बनर्जी के अलावा किसी भी अन्य नेता का फोटो कही नहीं लगेगा और न किसी का महिमामंडन होगा।

खैर छोड़िए , यहाँ बात हो रही थी रूपेश यादव के डर का, तो जब उन्होने मंच पर शिवदासन दासु को विराजमान पाया तो उनके सुर थोड़े बदल गए। उन्होने कहा कि एक छोटे से नाव से तृणमूल की शुरुआत हुयी थी जो अब दस मंज़िला जहाज में परिणत हो चुका है । उन्होने कहा कि इस जहाज को चलाता कौन है ? सबसे निचले तबके में बैठे हजारों कर्मी और उन्हें दस मंज़िला पर बैठे शीर्ष नेतृत्व आदेश देते हैं । निचले तल्ले में बैठे कर्मी अपने मेहनत से इस जहाज को चलाते हैं वे ही इस जहाज के सच्चे ड्राइवर हैं। उन्हें निर्देश लेने के लिए बार-बार दसवें तल्ले में बैठे शीर्ष नेतृत्व के पास जाना होता है। इससे शीर्ष नेतृत्व में नाराजगी आती है और वे उस जहाज में दूसरा ड्राइवर नियुक्त कर देते हैं। लेकिन ये नया ड्राइवर अब निर्देश लेने के लिए दसवें तल्ले पर नहीं जाएगा बल्कि वो अपनी मर्जी से जहाज चलाएगा और जहाज में छेद भी कर देगा जिससे यह जहाज डूब जाएगा। उन्होने पार्टी को नए सदस्यों से होने वाले खतरे के प्रति आगाह किया और कहा कि पार्टी को नए बजाय पुराने पर भरोसा रखना चाहिए । हालांकि रूपेश यादव के इस डर से सभा के किसी भी वक्ता ने इत्तेफाक नहीं किया। आसनसोल नगर निगम के मेयर सह पांडवेश्वर विधायक जितेंद्र तिवारी ने रूपेश यादव के बयान पर प्रतिकृया देते हुये कहा कि पार्टी को नए के साथ-साथ पुराने की भी आवश्यकता है लेकिन पार्टी केवल पुराने नेताओं पर ही निर्भर नहीं रह सकती है। यदि ऐसा होगा तो फिर वो पुराना नेता पार्टी को ब्लैकमेल करने लगेगा, नाजायज फायदा उठाएगा। इसलिए पार्टी को सुचारु रूप से चलाने के लिए हर समय नए चेहरे और नए नेता की आवश्यकता होगी।

अब इस नए पुराने ड्राइवर के डर के दूसरे पहलू को समझते हैं। पंचायत चुनाव – 2018 का बिगुल बज चुका है। सभी नेता अपनी-अपनी सीटें पक्की करने के लिए ब्लॉक स्तरीय नेता से लेकर जिला स्तरीय और राज्यस्तरीय नेताओं के दरबार में हाजिरी लगा रहे हैं। चूंकि तृणमूल की सरकार है इसलिए टिकट मिल जाना ही जीत की गारंटी है। लेकिन बीच में पेंच आ जाता है आरक्षण तालिका का । इस आरक्षण तालिका ने बड़े-बड़े सुरमाओं को चित्त कर दिया है। पश्चिम बर्धमान जिला परिषद सभाधिपति का सीट महिला एससी के लिए आरक्षित है। उसी प्रकार अंडाल क्षेत्र के जिला परिषद का सीट जहां से रूपेश यादव विजयी हुये हैं वह सीट भी महिला के लिए आरक्षित हो गया है। इस सीट से तो अब रूपेश यादव को टिकट नहीं मिल सकता है । कहीं और से टिकट मिलने की संभावना फिलहाल दिख नहीं रही है ऐसे में पार्टी के किसी नवागंतुक सदस्य को यदि जिला परिषद का टिकट मिले तो उनके मन में उठ रहे नए ड्राइवर का डर तो स्वाभाविक ही है।

Last updated: फ़रवरी 16th, 2018 by Pankaj Chandravancee