भगवान शिव के रुद्राभिषेक और महामृत्युंजय जाप का आयोजन
सीतारामपुर -श्रावन मास के पवित्र महीने में ज्योतिषाचार्य डा.शदाशिव त्रिवेदी जी के तत्वाधान में विगत सात दिनों से सीतारामपुर लोको स्थित रामजानकी शिव मंदिर में चल रहें भगवान शंकर के रुद्राभिषेक और महामृत्युंजय जाप बड़ी श्रद्धा से मुख्य यजमान रुपा त्रिवेदी के दारा किया गया. डॉ.त्रिवेदी जी ने कहा भोलेनाथ अपने नाम के अनुरुप बहुत भोले हैं. भगवान शिव एक लोटा जल से भी प्रसन्न होकर अपने भक्तों के सारे कष्ट हर लेते हैं. शिवलिंग पर जलाभिषेक करने से व्यक्ति की सारी मनोकामनाएँ पूर्ण होती है.
वहीं रुद्राभिषेक करने से व्यक्ति की कुंडली से पातक एवं महापातक कर्म भी जलकर भस्म हो जाते हैं. कहा जाता है कि भगवान शिव के पूजन से सभी देवताओ की पूजा स्वत: हो जाती है. वहीं मुख्य आचार्य पण्डित गणेश मिश्रा जी ने कहा कि हमारे शास्त्रों में विविध कामनाओं की पूर्ति के लिए रुद्राभिषेक के पूजन के निमित्त अनेक द्रव्यों तथा पूजन सामग्री को बताया गया है. विशेष अवसर पर या सोमवार, प्रदोष और शिवरात्रि आदि पर्व के दिनों में मंत्र, गोदुग्ध या अन्य दूध मिलाकर अथवा केवल दूध से भी अभिषेक किया जाता है. विशेष पूजा में दूध, दही, घृत, शहद और चीनी से अलग-अलग अथवा सबको मिलाकर पंचामृत से भी अभिषेक किया जा सकता है.
इस प्रकार विविध द्रव्यों से शिवलिंग का विधिवत अभिषेक करने पर अभीष्ट कामना की पूर्ति होती है. वहीं रुद्राभिषेक से कालसर्प योग, गृहक्लेश,व्यापार में नुकसान, शिक्षा में रुकावट सभी कार्यों की बाधाएं भी दूर होती हैं. इस महा पूजन में भागलपुर के प्रसिद्ध पण्डित ऋषि कांत मिश्रा ने शिव जी के भक्त को सुखद जीवन के लिए कामना किये और उन्होंने कहा त्रिवेदी जी के कृप्या से सावन के प्रत्येक सोमवार को विधीवत पूजन किया जा रहा है, इसके अलावा बक्सर से हिरा लाल मिश्रा, भागलपुर से शिवानंद उपाध्याय, सोनू उपाध्याय, सितारामपूर से अशोक पाण्डेय जी ने विधीवत मंत्रोपचार से पूजन किया.
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