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आरपीएफ में नौकरी लेने आये 6 युवकों को आरपीएफ ने किया गिरफ्तार

आरपीएफ में नौकरी के लिए आए युवकों को आरपीएफ ने ही दबोचा

गिरफ्तार आरोपियों के साथ चिरेका रेलवे सुरक्षा बल के प्रभारी आयुक्त विकास कुमार सिंह एवं अन्य पुलिसकर्मी

चित्तरंजन(प० बंगाल) चित्तरंजन रेल इंजन कारखाने में नौकरी लेने आये 6 युवकों को आरपीएफ़ ने गिरफ्तार कर लिया।

मामला फर्जीवाड़ा का है , कई नेता एवं चिरका कर्मी हो सकते हैं शामिल

चिरेका रेलवे सुरक्षा बल के प्रभारी आयुक्त विकास कुमार सिंह के नेतृत्व में की गयी गिरफ्तारी।
चिरेका में फर्जी नौकरी दिलाने वाले गिरोह का सिलसिलेवार खुलासा जारी है।
सोमवार को चित्तरंजन चिल्ड्रेन पार्क के पास से सुबह करीब साढ़े 9 बजे 6 युवकों को रेलवे सुरक्षा बल की टीम ने दबोच लिया।

आरपीएफ़ को मिली थी गुप्त सूचना

गुप्त सुत्रों से यह जानकारी आरपीएफ को मिल गयी थी कि कुछ युवक यहां चिरेका आरपीएफ में फर्जी ज्वानिंग लेटर लेकर यहां नौकरी करने आये हैं।
इस सबंध में चिरेका रेलवे सुरक्षा बल के प्रभारी आयुक्त विकास कुमार सिंह ने बताया कि अब तक 13 लोगों को दबोचा गया है।
गिरफ्तार 13 लोगों में से 12 लोग गिरोह के शिकार हुए हैं और एक व्यक्ति इस गिरोह का मुखिया है।
गिरोह के मुखिया का नाम अभिजीत राय उर्फ अमलान चैधरी है और चित्तरंजन का ही रहने वाला है।

9 करोड़ की ठगी का है मामला

अमलान चौधरी ने लोगों को नौकरी दिलाने के नाम पर साढ़े 9 करोड़ की ठगी की है।
इतनी बड़ी राशि का बंदरबाट कहां हुआ है इसकी भी छानबीन चल रही है।

एक नेता के संलिप्तता की खबरें आ रही है

इस कांड में एक नेता की भी संलिप्तता सामने आ रही है।
पुलिस ने अभी नेता के नाम का खुलासा नहीं किया है।
अभिजीत को सात दिनों की रिमांड पर लिया गया है और छानबीन चल रही है।

आरपीएफ में नौकरी के लिए आए थे 6 में से 5 आरोपी

जो युवक आज पकड़े गये उनमें से 5 युवक आरपीएफ में नौकरी करने आये थे।
और एक ग्रुप डी में नौकरी के लिए आया था।
छानबीन करने के बाद सभी के कागजात फर्जी निकले।
पकड़े गये युवकों में हावड़ा का पलाश बाग, पुरोजित घोष, भास्कर बरूआ,
हुगली का प्रदीप मंडल, पल्लव कारक, एवं उदयनारायणपुर का राजकुमार पल्ली शामिल हैं।
पकड़े गये युवकों ने बताया कि नौकरी दिलाने के नाम पर इनसे पैसे लिये गये।

“रेलवे में पैसे से नहीं मिलती है नौकरी “

चिरेका रेलवे सुरक्षा बल के प्रभारी आयुक्त विकास कुमार सिंह ने लोगों को अगाह करते हुए कहा कि रेलवे मेें पैसे देकर नौकरी नहीं मिलती है।

नौकरी के नाम पर किसी को पैसे न दें

विकास कुमार सिंह ने कहा कि किसी को भी नौकरी दिलाने के नाम पर पैसों का भुगतान न करें।
क्योंकि फर्जी तरीके से नौकरी लेने वाले लोग एक न एक दिन पकड़े ही जाते हैं।

नौकरी दिलाने वाले गिरोहों में हड़कंप

खुलासे के बाद चिरेका में फर्जी तरीके से नौकरी दिलाने वाले गिरोह के सदस्यों में हड़कम्प मचा हुआ है।
सब इधर उधर भागे फिर रहे हैं।

चिरेका के कर्मी भी हो सकते हैं गिरोह में हैं शामिल

चिरेका रेलवे सुरक्षा बल के प्रभारी आयुक्त विकास कुमार सिंह ने बताया कि चिरेका में फर्जी तरीके से नौकरी दिलाने वाले गिरोह में चिरेका के कई कर्मी भी संलिप्त हो सकते हैं। बिना मिलीभगत के इस कार्य को अंजाम देना मुमकिन नहीं है। क्योंकि फर्जी कागजात बनाने में कार्यालय के स्टाम्प और कागजात किस प्रकार से गिरोह के पास गये यह सब जांच किया जा रहा है।

गिरोह को दबोचने के लिए बनी थी टीम

फर्जी नौकरी दिलाने वाले गिरोह के सदस्यों को धर दबोचने के लिए टीम में चिरेका रेलवे सुरक्षा बल के प्रभारी आयुक्त विकास कुमार सिंह, आईपीएफ मनोज कुमार टूडु, एएसआई एसगुप्ता, एएसआई गौतम मुखर्जी, एएसआई केके चटर्जी शामिल थे।

Last updated: अक्टूबर 4th, 2017 by Om Sharma