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धार्मिक, सांस्कृतिक व राष्ट्रीय भावनाओं की सशक्त अभिव्यकि है श्रीराम जन्मभूमि मन्दिर का पुनर्निर्माण: राकेश लाल

साहिबगंज। मंगलवार को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ एवं इसके विविध अनुषांगिक संगठनों के कार्यकर्ताओं ने साहिबगंज विभाग ( साहिबगंज व पाकुड़ जिला ) के अंर्तगत श्रीराम जन्मभूमि मन्दिर निर्माण हेतु समन्वय सह प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन किया।

इस कार्यक्रम में बोलते हुए झारखंड प्रांत सह कार्यवाह राकेश लाल ने कहा कि श्रीराम जन्मभूमि पर मंदिर का निर्माण हिंदू समाज के धार्मिक सांस्कृतिक राष्ट्रीय एवं आध्यात्मिक भावनाओं की सशक्त अभिव्यक्ति है। आज से 492 वर्ष पूर्व राम जन्मभूमि पर स्थित मंदिर को तोड़ दिया गया था। हमें मंदिर तोड़ने या ऐसी मानसिकता को समझना पड़ेगा यही वह मानसिकता है जिसके कारण नालंदा और तक्षशिला विश्वविद्यालय के पुस्तकालयों को जला दिया गया था। आधुनिक एवं पश्चिमी इतिहासकारों ने हमारी वास्तविक इतिहास विस्मृत कराने का कार्य किया है। इतिहासकारों ने हिंदू शब्द की उत्पत्ति के संबंध में गलत तथ्य पेश किए हैं। ऋग्वेद एवं शैव ग्रंथों में हिंदू शब्द का विवरण मिलता है। इन ग्रन्थों में स्पष्ट उल्लेख है कि हिमालय के दक्षिण तथा हिन्द महासागर के उत्तरी भूभाग के निवसियो को हिन्दू कहते हैं।

हिन्दू का अर्थ हीनता से दूर भी होता है। श्रीराम जन्मभूमि मन्दिर निर्माण के संबन्ध में उन्होंने कहा कि पूर्व में मन्दिर निर्माण के समय जो सामाजिक श्रद्धा भाव व्याप्त था भाव हमें लोगों में जाग्रत करना है। निधि संग्रह का यह अभियान लोक संग्रह का भी माध्यम है। मन्दिर निर्माण में जनजन की भागीदारी हमें सुनिश्चित करना है। विश्व हिन्दू परिषद के प्रांत मंत्री वीरेंद्र साहू ने निधि संग्रह अभियान से जुड़े कार्यकर्ताओं को पशिक्षण मार्गदर्शन किया। मंच पर विभाग संघचालक विजय कुमार एवं विहिप के प्रांत सहमंत्री बीरेंद्र यादव उपस्थित थे।

Last updated: जनवरी 5th, 2021 by Sanjay Kumar Dheeraj