लोयाबाद। संविधान निर्माता बाबा साहब भीमराव अंबेडकर की 130 वीं जयंती मनाई गई। रविवार को हटिया स्थित देवी मंदिर प्रांगण में राष्ट्रीय स्वाभिमान मंच द्वारा आयोजित इस समारोह में बाबा साहब के चित्र पर माल्यापर्ण कर श्रद्धांजलि दी गई।कार्यक्रम की शुरूआत दीप प्रज्जवलित कर की गई। मौके पर उपस्थित वक्ताओं ने बाबा साहब डॉक्टर भीमराव अंबेडकर के आदर्शों एवं विचारधाराओं पर प्रकाश डाला।
परम्परावादी, यर्थाथवादी से समाज का भला नहीं हो सकता: पासवान
मुख्य अतिथि पूर्व खनन निदेशक बिहार सरकार के आई डी पासवान ने कहा कि परम्परावादी, यर्थाथवादी से समाज का भला नहीं हो सकता। बाबा साहब का उद्देश्य था मनुष्य एक मनुष्य के रूप में जिंदगी जी सके।
देश में ना दमन, ना अत्याचार, ना ही शोषण रुका: प्रोफेसर
विशिष्ट अतिथि आईएसएम के प्रोफेसर केपी अजीत ने कहा कि देश में कुछ भी नहीं बदला है। सबकुछ वैसा ही चल रहा है। ना दमन, ना अत्याचार, शोषण, ना ही सम्मान छिनने की कोशिश खत्म हुई है।सिर्फ इसका तरिका बदला है। कहा कि जिस तरह से कोरोना ने अपना स्टेन बदला हैं उसी तरह से इन लोगों ने स्टेन बदला है। बदलेगा तो सिर्फ भारत का संविधान से ही। सभा को असलम मंसुरी,राजकुमार महतो, मिथलेष पासवान, राम इकबाल कुशवाहा,आशा राय आदि ने संबोधित किया। अध्यक्षता डॉ० नरेश राम व संचालन विनोद पासवान ने की। सफल बनाने में रमेश राजा, विनोद पासवान, राकेश हाड़ी, संजय विश्वकर्मा,बसंत पासवान, पंकज गुप्ता, राजेश पासवान, डॉ० दिनेश यादव, गणेश प्रसाद आदि शामिल थे।