तेजी से फैल रही है, मंकीपॉक्स बीमारी, दिखने में बिलकुल चिकनपॉक्स के जैसा
अभी ठीक से लोग कोरोना वायरस के संक्रमण से छुटकारा पाये नही की इसी बीच मंकीपॉक्स बीमारी अपना पैर पसारते हुए दिख रहा है। चौपारण प्रखंड के कुछ घरों में लोग चिकनपॉक्स के चपेट में आ चुके हैं, परंतु चिंता का विषय यह बना हुआ है की आखिर चिकनपॉक्स मंकीपॉक्स ही तो नहीं। मंकीपॉक्स एक वायरल इंफेक्शन है, जो पहली बार 1958 में कैद किए गए बंदर में पाया गया था। 1970 में पहली बार इंसान में इसके संक्रमण की पुष्टि हुई थी। इसका वायरस चेचक के वायरस के परिवार का ही सदस्य हैं। मंकीपॉक्स का संक्रमण आंख नाक और मुंह के जरिए खेल सकता है। यह मरीज के कपड़े, बर्तन और बिस्तर को छूने से भी फैलता है। इसके अलावा बंदर, चूहे गिलहरी जैसे जानवरों के काटने से या उनके खून और बॉडी फ्लूइडस को छूने से भी मंकीपॉक्स फैल सकता है।
मंकीपॉक्स के लक्षण
विश्व स्वास्थ्य संगठन(WHO) के अनुसार, मंकीपॉक्स के लक्षण संक्रमण के 5 वें दिन से 21 वे दिन तक आ सकते हैं। शुरुआती लक्षण फ्लू जैसे होते है। इनमे बुखार, सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द, कमर दर्द, थकान आदि शामिल है।
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