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डर में जी रहे हैं रानीगंज के लोग , एक तरफ दंगे का डर तो दूसरी तरफ पुलिस का डर

अपना डर बयां करते रानीगंज के लोग

अपना डर बयां करते रानीगंज के लोग

सांप्रदायिक हिंसा के 10 दिनों बाद भी रानीगंज में जनजीवन सामान्य नहीं हो पाई है । आज भी बाजारों में जहाँ आतंक देखने को मिलती है वहीं रानीगंज अंचल के बस्ती इलाका विकास नगर, वर देही, राजा बांध, रुणाई इलाके में विशेष रूप से दहशत में लोगों को देखा जा रहा है। शाम होते ही शहर में सन्नाटा पसर जाता है।

चौपट हो गया व्यावसायिक शहर का व्यवसाय

रानीगंज शहर के वयोवृद्ध समाजसेवी एवं व्यवसाई विश्वनाथ शराफ कहते हैं कि रानीगंज में व्यवसाय वणिज की स्थिति काफी खराब हो गई है । आज 10 दिन बीत गई है लेकिन आज भी लोगों के मन में यहाँ हुई हिंसक घटना को लेकर भय व्याप्त है । पश्चिम बंगाल में पहला बैशाख का अपना एक विशेष महत्त्व है । पहला बैशाख बंगालियों का नव वर्ष का आगमन अर्थात दीपावली पर्व के समान माना जाता है । कुछ ही दिनों में यह त्यौहार आने वाली है यहाँ के दुकानदार बांग्ला प्रथा अनुसार पूरी तैयारी के साथ लगे हैं लेकिन आज बाजार में खरीदार नहीं आ रहे हैं।

डर में जी रहे हैं लोग , एक तरफ दंगे का डर तो दूसरी तरफ पुलिस का आतंक

दूसरी और रानीगंज के विकासनगर व वरदही इलाके में आज भी लोग काफी दहशत में हैं । यहाँ के बाशिंदों में उमा गुप्ता का कहना है कि हम लोग आज भी इस क्षेत्र में रात में भयभीत रहते हैं। हमेशा डर बना हुआ रहता है कि फिर से आक्रमण ना हो जाए। वहीं दूसरी ओर हम लोग पुलिस प्रशासन से परेशान हैं । मध्य रात्रि में पुलिस प्रशासन की ओर से छापामारी अभियान चलाई जाती है जिसमें निर्दोष लोगों को, स्कूली बच्चों को यहाँ से गिरफ्तार कर ले जाया जाता है। यही वजह है कि हम लोगों का बच्चा तक इस मोहल्ले में अब नहीं है । यहाँ के महिला सीमा देबी ने कही कि रातों का नींद और चैन सब खत्म हो गया है । शहर में दंगा हुआ और खामियाजा हम लोग भुगत रहे हैं क्योंकि यह इलाका ब्रुनेई मोहल्ला की ओर जाती है।

26 मई को रानीगंज में भड़की थी हिंसा

पिछले महीने 26मार्च को रानीगंज में रामनवमी के जुलूस निकाली गई थी और इस जुलूस में सांप्रदायिक दंगा हो गया था और उस दिन के पश्चात से ही रानीगंज इलाके में आज भी शांति बहाली नहीं हो पा रही है। आज भी पुलिस प्रशासन को लेकर लोगों में काफी आक्रोश है क्योंकि स्थानीय लोग आज भी मानते हैं कि पुलिस प्रशासन की वजह से ही यह दंगा हुई थी पुलिस चाहते तो यह दंगा नहीं होता ।

Last updated: अप्रैल 8th, 2018 by Raniganj correspondent