रानीगंज सब्जी मंडी पहुँचे अधिकारी
रानीगंज। आसनसोल जिला शासक कार्यालय से अधिकारियों का दल मंगलवार को रानीगंज हाटतला व सब्जी मंडी के लोगों को मुआवजे की राशि के लिए जाँच पड़ताल करने पहुँचे. उनके साथ रानीगंज बोरो दो के पार्षद आरिज़ जलेस भी थे. पार्षद श्री जलेश ने बताया कि रामनवमी पर्व के दिन रानीगंज में दो संप्रदाय के बीच हिंसा हो गई थी. उस दौरान रानीगंज हाटतला में आगजनी की घटना से प्रभावित व्यवसाइयों को मुआवजा दिलवाने के लिए जिला शासक कार्यालय से फॉर्म दिया जा रहा है. जिसमें जिन व्यवसायियों का जो नुकसान हुआ है वे उसका लेखा-जोखा प्रस्तुत करेगे. उसे बहुत जल्दी ही मुआवजे की राशि प्रदान की जाएगी. श्री जलेश ने कहा कि लोगों को कोई असुविधा ना हो इसका विशेष ध्यान रखा जा रहा है. पीडित व्यवसाइयों को मुआवजे की राशि प्रदान करने के लिए बोरो कार्यालय के अधिकारी फॉर्म भर रहे हैं. ताकि पीड़ित व्यवसायियों को कोई असुविधा ना हो. उन्होंने कहा कि अभी कुछ दिनों तक लगातार व्यवसायियों के पास जा-जा कर हम लोग फॉर्म भरवाएंगे एवं लोगों को मुआवजे की राशि भी दिलवाएंगे ताकि वे फिर से व्यवसाय शुरू कर सकें.
इस घटना से दिल टूट गया
गौरतलब है कि सांप्रदायिक हिंसा के दो सप्ताह बीतने के बावजूद रानीगंज मेंव्यवसायिक स्थिति में सुधार नहीं आ सका है. रानीगंज का सब्जी मंडी एक प्रख्यात मंडी है. यहाँ सब्जी लेने के लिए पूरे शहर के लोग आते है. आज इक्का-दुक्का दुकान किसी तरह से लगी है. लेकिन अभी भी सैकड़ों दुकानदार या तो नहीं आ रहे हैं या दुकान नहीं लगा पा रहे हैं. यहाँ के व्यवसायी नरेश कहते हैं कि क्या करें जिस प्रकार से व्यवसाय को नुकसान पहुँचाया गया है, इससे हम लोगों का दिल ही टूट गया है. आज प्रशासन चाहे जितनी भी सक्रियता दिखाएं सहयोग का वादा करें लेकिन वास्तविकता यह है कि प्रशासन की खामियों की वजह से ही आज हम लोग इस दुर्दशा में हैं. बहरहाल रानीगंज का सब्जी मंडी का हाल बेहाल जरूर है, लेकिन सपनों को सजाने में अनेकों दुकानदार लगे हैं. आखिर उनके लिए यही रोजी-रोटी का जरिया है. लेकिन इस मंडी में हिंदू हो या मुसलमान सभी में दर्द समान रूप से देखी जा रही है. एक तरफ विनोद तो दूसरी तरफ सद्दाम जैसे लोग खड़े हैं इस सब्जी मंडी को सजाने के लिए क्योंकि सब यह सब्जी मंडी किसी विशेष धर्म जाति का नहीं बल्कि रानीगंज के दिल वालों की यह सब्जी मंडी है.